जयपुर, 30 मई। राज्य में आगामी भेड़ निष्क्रमण वर्ष 2025-26 के सुचारू संचालन के लिए प्रशासन पूरी तैयारी में जुट गया है। शासन सचिवालय में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भेड़ निष्क्रमण को निर्बाध, सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और संबंधित विभाग आपसी समन्वय से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
भेड़पालकों और किसानों के बीच टकराव की रोकथाम पर विशेष ज़ोर
मुख्य सचिव ने कहा कि कई बार भेड़ें किसानों के खेतों में घुस जाती हैं जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन पहले से ही सतर्क रहकर संवेदनशील क्षेत्रों में पुख्ता इंतजाम करें, ताकि किसी प्रकार की कानून-व्यवस्था की समस्या न हो। उन्होंने भेड़पालकों को निर्धारित मार्गों से ही निष्क्रमण कराने और मार्ग परिवर्तन की स्थिति में तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
चैकपोस्ट, टोलियां और पंजीकरण की व्यवस्था को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश
श्री पंत ने संबंधित विभागों को कहा कि निष्क्रमण के एन्ट्री प्वाइंट चिन्हित करते हुए 191 चैकपोस्टों की स्थापना, आवश्यक कार्मिकों की नियुक्ति, स्थायी-अस्थायी जांच चौकियां एवं संवेदनशील स्थानों पर समन्वित भ्रमण टोलियां गठित करना सुनिश्चित किया जाए।
इसके अलावा, भेड़पालकों के पंजीकरण, परिचय पत्र जारी करने, भेड़ों के लिए दवाओं और टीकों की व्यवस्था, तथा अस्थायी टेंट, शेड, राशन व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए।
पशुपालन विभाग ने दी विस्तृत जानकारी
बैठक में पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने बताया कि राज्य में हर वर्ष चारे की उपलब्धता के लिए लाखों की संख्या में भेड़ें और हजारों भेड़पालक एक स्थान से दूसरे स्थान पर निष्क्रमण करते हैं।
पिछले वर्ष 8.15 लाख भेड़ें और 14,965 पशुपालक राज्य में निष्क्रमण के लिए आए थे। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में भेड़पालकों के आने की संभावना है जिसके लिए भेड़ों के लिए वैक्सीन, दवाइयों और चारा आदि की समुचित व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्षा शुरू होते ही भेड़पालक राज्य के पठारी क्षेत्रों की ओर बढ़ना प्रारंभ कर देते हैं।
राज्य स्तरीय समन्वय और जिला स्तर पर निगरानी के निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों के कलेक्टरों व पशुपालन अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर जमीनी स्तर पर व्यवस्थाएं सुचारू करें। इस दौरान सभी संबंधित विभागों के सचिव, संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, पुलिस और अन्य विभागों के अधिकारी वीसी के माध्यम से बैठक में उपस्थित रहे।
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