24 न्यूज अपडेट. चित्तौड़गढ़। वीआईपी सैलानियों के आगे देसी सैलानियों व रेलगाड़ी से यात्रा करने वालों को परेशान किया गया। 35 पर्यटकों के साथ पैलेस ऑन व्हील्स जब चित्तौड़गढ़ आई तो उनको लग्जरी बसों से चित्तौड़गढ़ दुर्ग ले जाया गया। विदेशी पर्यटकों के कारण प्रशासन की ओर से टॉयलेट्स के बाहर कर्मचारियों को चार घंटे तक खड़ा रखा ताकि देसी पर्यटक वहां सू-सू करने ना जा पाएं व विदेशियों के सामने डेकोरम खराब न हो जाए। वीआईपी के लिए टॉयलेट्स पर पहरे की सब तरफ आलोचना हो रही है। खास तौर पर जिला प्रशासन की जिसने गत दिनों वीआईपी के चक्कर में दुर्ग की व्यवस्थाएं दुरूस्त कर दी व मगर आमजन को हो रही परेशानी की ओर ध्यान नहीं दिया। अब सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या दुर्ग विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए ही है। केवल 34 यात्रियों के लिए सबको टाॅयलेट तक नहीं जाने देना कहां की समझदारी है। इतनी ही चिंता है तो अव्वल तो उनको यहां पर लाए ही नहीं, और अगर बहुत ज्यादा पैसा कमाना है तो उनके लिए दुर्ग में अलग से टाॅयलेट बनवाए जा सकते हैं। पिछले हफ्ते शाही ट्रेन में ही आए पर्यटक चित्तौड़गढ़ दुर्ग में टॉयलेट्स गंदे पाकर नाराज हो गए थे। इसका नेगेटिव फीडबैक भी दिया। जिसके बाद पैलेस ऑन व्हील्स के डायरेक्टर और ओ एंड एम ऑपरेटर भगत सिंह ने जिला कलेक्टर आलोक रंजन, राजस्थान पुरातत्व विभाग को एक लेटर लिखकर इस मामले को उचित समय देने की बात कही थी। कलेक्टर के आदेश पर सभी टॉयलेट्स ठीक करवाए गए व वाहवाही लूटी गई। विदेशी पर्यटकों को टॉयलेट्स साफ मिलें, इसके चक्कर में लोकल पर्यटकों की ऐसी की तैसी कर दी गई। लोग वाॅशरूम के बाहर मिन्नतें करते दिखाई दिए मगर नहीं जाने दिया गया।
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