24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। उदयपुर में डाक्टर रवि शर्मा की मौत के बाद से चल रही रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल शुक्रवार को भी हाई जोश के साथ लगातार जारी रही। हॉस्टल में कल के ‘‘करंट-अफेयर’’ के चर्चां ने चेयर-परसन सहित पूरी लॉबी को सच के ऐसे हाई वोल्टेज झटके दिए कि हाई डोज पावर पॉलिटिक्स भी काम नहीं आ रही। डेमेज कंट्रोल के लिए खाली हाथ तैनात जिला कलेक्टर की और से दैनंदिन प्रयास हुए मगर वार्ता में मुख्य मुद्दों पर फिर कोई ठोस आश्वासन नहीं देने से भूख हड़ताल जारी रही। 18 सेवारत डॉक्टरों को आरएनटी से कार्यमुक्त कर जयपुर निदेशालय में ड्यूटी देने को कहा गया, 6 सेवारत सीनियर रेजिडेंट के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए निदेशालय को लिखा गया व एमबीबीएस छात्रों के परिजनों को अटेंडेंस के लिए पत्र लिखा गया। लेकिन कोई खास असर नहीं हुआ।
इधर, सांसद महोदय ने बिजली की ऑडिट का आदेश देकर खुद ही बता दिया कि वे तत्काल कुछ कर सकने की स्थिति में नहीं हैं या फिर कहीं से उन्हें फिलहाल तात्कालिक फ्रंटलाइन वाली प्रतिक्रिया देने से परहेज व ठंड रखने को करने को कहा है। वैसे उनसे बड़ी निर्णायक उम्मीदें की जा रही थीं।
यहां पॉलिटिक्स नहीं, पॉलिटिकल बिजनेस चलता है
ऐसी ही ठंडक शहर कांग्रेस में भी देखी जा रही है। एक अपराधी के खिलाफ कलेक्ट्री में गुस्सा दिखाने वाले दिग्गज अस्पताल में मरीजों को हो रही परेशानी पर रहस्यमीय चुप्पी साध कर खुद को जनता की नजरों में पॉलिटिकली गिरा रहे हैं। इस कहावत को फिर सच साबित करवा रहे हैं कि मेवाड़ के लोग भोले हैं, यहां भाजपा-कांग्रेस अंदरखाने एक हैं। यहां पॉलिटिक्स नहीं, पॉलिटिकल बिजनेस चलता है।
बहरहाल, पावर पॉलिटिक्स और सिस्टम के लाभार्थियों का इको चेम्बर आज भी मौन रह कर पूरी हड़ताल की क्लोज मॉनिटरिंग करता रहा। बारीकी से उस लूप होल को तलाशता रहा जिसके सहारे हड़ताल को खत्म करवाया जा सकता है या फिर उसके असर को बहुत सीमित करवाया जा सकता है। लेकिन हुआ उल्टा। हड़ताल पर बैठे ‘‘ना कहू सो दोस्ती, ना कहू सो बैर’’ की मनोभावना के हाई जोश वाले इमोशनल बंदों की यूनिटी ने मसूबों पर पानी फेर दिया। पूरे के पूरे डिस्कोर्स को फिर उसी केंद्र बिंदु पर ला खड़ा कर दिया कि डाक्टर रवि शर्मा की मौत के जिम्मेदारों को पनिशमेंट, परिवार को मुआवजा सहित अन्य मांगें जब तक नहीं मानी जाती हैं तब तक हड़ताल खत्म नहीं होगी। एक अन्य पक्ष मीडिया का भी देखा गया जिसमें असल खबर को कॉर्नर करने का ऐसा प्रयास किया जो एकदम साफ-साफ दिखाई दे गया।
जोधपुर ने कंपलीट शट डाउन का ऐलान कर दिया
रात को खबर आई कि जोधपुर ने कंपलीट शट डाउन का ऐलान कर दिया हैं। याने जोधपुर में पूरी तरह से हड़ताल रहेगी, धरने प्रदर्शन सहित अन्य आयोजन होंगे। जयपुर के एसएमएस में कल सुबह से सर्विस बंद करने का कमिटमेंट बताया गया गया है। इधर, हड़ताल पर बैठे रेजिडेंट्स ने बताया कि आज भी वार्ता हुई मगर विफल रही। हमारी बातों को अनसुना किया जा रहा है, लगातार। हम चाहते हैं कि स्टाइक खत्म हो लेकिन उसी कंडीशन में जिसमें कि हमें हमारी मांगों पर कोई ठोस आश्वासन दिया जाए। रात को निलंबित चीफ वार्डन ने जो किया उसे तो एकदम साफ हो गया कि प्रशासन का रवैया कितना गैर जिम्मेदाराना है। हमारी चिकित्सा सचिव से दर्खास्त है कि वे हमारी बात सुनें, हमें जब चाहें वार्ता के लिए बुला सकते हैं ताकि आमजन को परेशानी हो रही है वह जल्द से जल्द खत्म हो।

कैंडल मार्च का आह्वान हुआ है 29 तारीख को
इस बीच एक कैंडल मार्च का भी आह्वान हुआ है जो 29 तारीख को शाम को होगा। इसका उद्देश्य हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के लिए सुरक्षित कार्य परिस्थितियों की मांग को लेकर एक स्पष्ट और प्रभावशाली संदेश देना बताया गया है। डॉ. इंद्रनील देशमुख, जो कि आईएमए जेडीएन स्टैंडिंग कमेटी के राष्ट्रीय सचिव हैं उन्होंने सभी से इस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में प्रतिभागिता का अनुरोध किया है। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ जयपुर की ओर से एक घंटे कार्य बहिष्कार (उदयपुर-सलूंबर में दो घंटे) की घोषणा की गई है। अन्य संगठनों ने भी सहयोग का ऐलान किया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही डेडलॉक टूटेगा। साथ ही कुछ लोगों का गुरू-रू भी।
प्लास्तर गिरा उसके बाद आया होंश, हॉस्टल खाली करने का ऐलान
अधिशासी अभियंता आरके मूंदड़ा ने आरएनटी प्रिंसिपल विपिन माथुर को पत्र लिख सीनियर बॉयज हॉस्टल को खाली कराने को कहा है। पत्र में लिखा कि आरसीसी कमजोर है, सरिये गल गए हैं। गिरने की संभावना है। लेकिन जांच का विषय है कि उन्होंने पहले ऐसा क्यों नहीं किया, प्लास्तर गिरने का इंतजार क्यें किया। इस मामले में लापरवाही करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होना मिलीभगत का संकेत दे रहा है।
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