24 News Update उदयपुर। राजस्थान में पुलिस कस्टडी में मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। राज्य सरकार ने विधानसभा में जानकारी दी है कि अगस्त 2023 से अगस्त 2025 तक के दो वर्षों में कुल 20 मौतें पुलिस हिरासत में दर्ज हुईं। इनमें 5 मौतें हार्ट अटैक, 4 आत्महत्याएँ और बाकी मौतें अचानक तबीयत बिगड़ने से हुईं। उदयपुर का एक मामला भी इसमें शामिल है।
उदयपुर का मामला
5 अगस्त 2025 को ऋषभदेव थाना पुलिस ने सुरेश पंचाल को हिरासत में लिया था। कस्टडी के दौरान अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और उल्टियां होने लगीं। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले की न्यायिक जांच जारी है।
अन्य प्रमुख मामले
जयपुर (जून 2025): सदर थाना क्षेत्र में मनीष पांडे (28) ने थाने के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या की। SMS अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हुई। SHO सहित पाँच पुलिसकर्मी लाइन हाजिर किए गए।
भरतपुर (जुलाई 2025): पॉक्सो एक्ट में गिरफ्तार गब्बर उर्फ बंटी (22) ने थाने में फंदा लगाकर जान दे दी। परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया।
दौसा (जून 2025): बसवा थाना पुलिस की गिरफ्त से गुड्डू मीणा भागकर पास के कुएं में कूद गया। घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहाँ मौत हो गई।
झुंझुनूं (मई 2024): रेप केस में गिरफ्तार गौरव शर्मा (34) की मौत हीट स्ट्रोक से हुई। परिवार ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया था, पर मेडिकल रिपोर्ट में गर्मी व लू लगना कारण बताया गया।
भीलवाड़ा (अप्रैल 2024): माण्डल थाने में हिरासत में रहे मुकेश की मौत हार्ट अटैक से हुई। पिता ने पिटाई का आरोप लगाया था, पर जांच में लापरवाही का आधार नहीं मिला।
पाली (अगस्त 2025): औद्योगिक क्षेत्र की पुलिस चौकी मीलगेट पर पूछताछ के दौरान विक्रम सिंह की तबीयत बिगड़ी। इलाज के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई।
चितौड़गढ़ (अप्रैल 2024): राशमी इलाके में दबिश के दौरान पकड़े गए उंकारलाल की थाने ले जाते वक्त मौत हो गई। रिपोर्ट में कार्डियो पल्मोनरी अरेस्ट बताया गया।
फलोदी (अक्टूबर 2024): देचू थाने के रिकॉर्ड रूम में फूलसिंह ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
राजसमंद (अगस्त 2025): कांकरोली थाने में चोरी के मामले में पकड़े गए खुबचन्द्र सोनी की हार्ट अटैक से मौत हुई।
दौसा (अप्रैल 2024): लालसोट थाने में हत्या के आरोपी मनोज कुमार ने हवालात में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। संतरी की लापरवाही मानी गई।
जयपुर (अगस्त 2023): सांगानेर सदर थाने में शांतिभंग के आरोपी किशन प्रजापत (22) की मौत इलाज के दौरान हुई। मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजा गया।
श्रीगंगानगर (दिसंबर 2024): सूरतगढ़ थाने में नरेश उर्फ नरसी ने हवालात में फंदा लगाकर आत्महत्या की। संतरी को वेतन वृद्धि रोकने का दंड दिया गया।
श्रीगंगानगर (जून 2025): राजियासर थाने में हिरासत में रहे मोहन सिंह की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई।
बारां (मई 2025): छीपा बड़ौद थाने में हिरासत में रहे हरीश की पेट दर्द की शिकायत के बाद मौत हुई।
बारां (जुलाई 2025): किशनगंज थाने में आरोपी लोकेश सुमन की तबीयत बिगड़ने से मौत हुई। मामले में SI राजेश मीणा को निलंबित किया गया।
अजमेर/ब्यावर (मई 2024): जैतारण थाने में गैंगरेप आरोपी राकेश ने लोहे की रेलिंग से कंबल फाड़कर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
टोंक (फरवरी 2025): देवली थाने में उमराव मीणा की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
झुंझुनूं (अप्रैल 2025): खेतड़ी थाने में पप्पूराम मीणा की सीने में दर्द की शिकायत के बाद मौत हो गई।
जैसलमेर (मार्च 2024): तनोट थाने में पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक दुलाल मिआह की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
विधानसभा में सरकार का पक्ष
विधानसभा में विधायक रफीक खान के सवाल पर गृह विभाग ने जानकारी दी कि दो वर्षों में 20 मौतें पुलिस कस्टडी में हुई हैं। इनमें से 14 मामलों की न्यायिक जांच लंबित है। सरकार का कहना है कि अब तक किसी भी मामले में किसी पुलिसकर्मी की प्रत्यक्ष संलिप्तता सामने नहीं आई, हालांकि कुछ संतरी की लापरवाही पर विभागीय कार्रवाई हुई है। मानवाधिकार संगठनों ने कहा कि हिरासत में लगातार हो रही मौतें गंभीर चिंता का विषय हैं। कई मामलों में परिवारजन पुलिस पर मारपीट और प्रताड़ना के आरोप लगाते हैं। संगठनों का कहना है कि जांच स्वतंत्र एजेंसियों से भी कराई जानी चाहिए।
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