24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) भी कमाल करता है। अवैध निर्माण और बिना स्वीकृति के होटल बन गई चल ने भी लगी लेकिन तब तक ना कर्मचारियों को पता चला ना अफसरों को। या साफ साफ कहें तो जब तक आर्थिक व राजनीतिक प्रभाव रहा, कोई कार्रवाई नहीं की। अब अचानकक पता चला कि ये सब तो अवैध था, सो आज सीज करने की कार्रवाई कर दी। सवाल यह उठ रहा है कि जब होटल बन रही थी तब अफसर-कर्मचारी कहां सो रहे थे। उनकी तो बेसिक ड्यूटी ही यही है कि अवैध निर्माण ना हो। यदि हो गया उन पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
बताया गया कि राजस्व ग्राम नयाखेड़ा में स्थित होटल “द माउंटेन विला” को सील कर दिया। प्राधिकरण आयुक्त राहूल जैन और सचिव हेमेन्द्र नागर के निर्देशानुसार, उपायुक्त के आदेश के क्रम में तहसीलदार डॉ. अभिनव शर्मा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। प्राधिकरण क्षेत्राधिकार में आराजी संख्या 996/243, 1026/243, 1016/243, 1013/243 आदि पर बिना स्वीकृति और भू-उपयोग परिवर्तन करवाए व्यावसायिक होटल संचालित किया जा रहा था। होटल में स्वीमिंग पूल, रेस्टोरेंट और कमरों का निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा रही थीं। इतनी बडी होटल आखिर बन कैसे गई यह बडा सवाल खडा हो गया है।
उदयपुर विकास प्राधिकरण अधिनियम-2023 की धारा 32 के तहत इस अवैध निर्माण के विरुद्ध विधिवत सुनवाई आदेश पारित किया गया था। बावजूद इसके, होटल संचालकों द्वारा व्यवसायिक गतिविधि बंद नहीं की गई। आदेश की अवहेलना को देखते हुए, आज 27 मार्च 2025 को उपायुक्त महोदय के निर्देश पर प्राधिकरण की टीम ने होटल को सील कर दिया। इस कार्रवाई में तहसीलदार डॉ. अभिनव शर्मा के निर्देशन में अभय सिंह चुंडावत, अभिमन्यु सिंह राणावत, विजय नायक, भरत हथाया (भू-अभिलेख निरीक्षक), हितेन्द्र सिंह तंवर (पटवारी) एवं होमगार्ड दस्ते ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी अवैध निर्माण और बिना स्वीकृति के संचालित व्यावसायिक गतिविधियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। हालांकि यह नहीं बताया गया कि जिनकी लापरवाही से इतना बडा निमा्रण हो गया उन पर क्या कार्रवाई की जाएगी।
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