24 News Update जयपुर. प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा 1 से 7 मई 2025 तक जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में शिव महापुराण की दिव्य कथा सुनाएंगे। प्रतिदिन दोपहर 1 बजे शुरू होने वाले इस आध्यात्मिक आयोजन के लिए शानदार इंतजाम किए गए हैं। कथा से एक दिन पहले, 30 अप्रैल को भवानी निकेतन से 21,000 महिलाएं भव्य कलश यात्रा निकालेंगी, जिस पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जाएगी।
आयोजन में अपार भीड़ की संभावना को देखते हुए 1.5 लाख लोगों के बैठने की क्षमता वाला विशाल पंडाल बनाया गया है। इसका मुख्य डोम सात मंजिल की ऊंचाई के बराबर है। पंडाल में उन्नत तकनीक से ठंडक सुनिश्चित की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए 250 AI-संचालित कैमरे तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, 25,000 श्रद्धालुओं के ठहरने और रोजाना 1 लाख लोगों के लिए भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई है।
विद्याधर नगर को इस अवसर पर नववधू की तरह सजाया गया है। सड़कों पर जगह-जगह रंग-बिरंगे स्वागत द्वार और सजावटी लाइटें लगाई गई हैं।
21 कुंडीय यज्ञ और भोजन की विशाल व्यवस्था
यज्ञशाला का निर्माण: आयोजन समिति के सदस्य राजन शर्मा और अनिल संत ने बताया कि कथा स्थल पर तीन विशाल डोम बनाए गए हैं। मुख्य डोम, जो 108×108 फीट का है और सात मंजिल की ऊंचाई वाला है, श्री महामृत्युंजय रुद्र महायज्ञ के लिए तैयार किया गया है। दूसरा डोम शिव महारुद्र यज्ञ के लिए और तीसरा डोम भक्तों के भोजन व ठहरने के लिए बनाया गया है। 21 कुंडीय महायज्ञ: कथा के साथ हर सुबह 9 बजे से 21 कुंडीय महामृत्युंजय यज्ञ होगा। अयोध्या के विद्वान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ में आहुतियां दिलवाएंगे। यज्ञ के लिए अयोध्या से सामग्री, हरिद्वार से एक टैंकर पवित्र जल, और देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों की मिट्टी मंगाकर यज्ञकुंड तैयार किया गया है।
भोजन व्यवस्था: समिति के सदस्य पंकज गोयल ने बताया कि कथा स्थल के निकट भोजनशाला में प्रतिदिन 1 लाख लोगों को प्रसाद के रूप में भोजन परोसा जाएगा। यह भोजन पारंपरिक लकड़ी के चूल्हों पर बनेगा, जिसमें राजस्थानी व्यंजनों का विशेष स्वाद होगा। 500 रसोइयों की टीम हर दिन अलग-अलग व्यंजन तैयार करेगी। इसके लिए 500 क्विंटल आटा, 100 पीपे तेल, 30 बोरी चीनी, और सैकड़ों क्विंटल सब्जियों का इंतजाम किया गया है।
हाई-टेक पंडाल से गर्मी पर नियंत्रण
विद्याधर नगर स्टेडियम के पीछे 400×700 फीट के तीन और 60×600 फीट का एक पंडाल बनाया गया है, जो 1.5 लाख लोगों को समायोजित कर सकता है। आयोजन समिति के प्रदीप कविया ने बताया कि पंडाल को जर्मन जैक सिस्टम तकनीक से बनाया गया है, जो 80-100 किमी/घंटा की आंधी और बारिश का सामना कर सकता है। पंडाल की छत में यूवी-रिफ्लेक्टिव सामग्री का उपयोग हुआ है, जो तापमान को 5-6 डिग्री तक कम रखेगा। गर्मी से बचाव के लिए ऑटोमैटिक स्प्रिंकलर सिस्टम लगाया गया है, जो हर 10 सेकंड में पानी की फुहार छोड़ता है। इसके लिए 200 टैंकर पानी की व्यवस्था की गई है, जिससे तापमान में 15-20 डिग्री की कमी आएगी।
आदियोगी की भव्य प्रतिमा वाला स्टेज
कथा के लिए 150×40 फीट का शानदार स्टेज तैयार किया गया है। स्टेज के केंद्र में आदियोगी शिव की विशाल प्रतिमा ध्यानमुद्रा में स्थापित है, जिसके चारों ओर पर्वतों जैसी सजावट की गई है। यह दृश्य श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक और दृश्यात्मक आकर्षण का केंद्र होगा।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं
आयोजन स्थल पर 25,000 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। सीकर रोड के सभी होटल पहले ही बुक हो चुके हैं। कथा स्थल के आसपास 1,000 अस्थायी शौचालय बनाए गए हैं, जिनमें भारतीय और यूरोपीय शैली के टॉयलेट शामिल हैं। भोजनशाला के पास अतिरिक्त शौचालय और नगर निगम द्वारा मोबाइल टॉयलेट भी उपलब्ध होंगे।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.