राजस्थान हाईकोर्ट की सख्ती: आदेश की अवहेलना पर तीन IAS अधिकारियों की सैलरी-पेंशन रोकी
24 News update जोधपुर | राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने आदेशों की अवमानना के मामले में तीन वरिष्ठ अधिकारियों की सैलरी और पेंशन रोकने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव को भी व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है। यह मामला उदयपुर के मिनिस्ट्रियल स्टाफ के तीसरे वेतनमान और एरियर के भुगतान से जुड़ा हुआ है, जिसमें सरकार द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों की पालना नहीं की गई थी।
पूरा मामला: सिलसिलेवार घटनाक्रम
| तारीख | घटना विवरण |
|---|---|
| 13 अगस्त 1987 | Udaipur : 9 कर्मचारियों को स्थायी किया गया और पहला-दूसरा चयनित वेतनमान दिया गया, लेकिन तीसरा वेतनमान नहीं मिला। |
| 23 सितंबर 2021 | राजस्थान हाईकोर्ट ने तीसरे वेतनमान को मंजूरी देते हुए 12 अगस्त 2014 से लागू करने और तीन महीने में एरियर भुगतान का आदेश दिया। |
| 31 मार्च 2022 | कोर्ट के आदेश के मुताबिक अंतिम भुगतान की समय सीमा, लेकिन सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया। |
| 2 अगस्त 2023 | सरकार की स्पेशल अपील हाईकोर्ट में खारिज, कोई स्टे आदेश भी नहीं था। |
| 2024 (साढ़े तीन साल बाद) | हाईकोर्ट ने आदेश की अनदेखी पर गंभीर रुख अपनाया। |
| मार्च 2024 | Udaipur : हाईकोर्ट ने तत्कालीन कार्मिक सचिव हेमंत गेरा, पूर्व संभागीय आयुक्त राजेंद्र कुमार भट्ट और पूर्व जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा की सैलरी-पेंशन रोकने का आदेश दिया। |
| 25 मार्च 2025 | अगली सुनवाई की तारीख तय की गई। |
क्या है मामला?
उदयपुर जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त कार्यालय में कार्यरत 9 मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने तीसरे वेतनमान की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए सरकार को वेतनमान लागू करने और एरियर भुगतान का निर्देश दिया था। लेकिन सरकार ने इस आदेश की पालना नहीं की, जिससे हाईकोर्ट को सख्त कदम उठाना पड़ा।
हाईकोर्ट का फैसला और आदेश
- IAS हेमंत गेरा, IAS (रिटायर्ड) राजेंद्र कुमार भट्ट और IAS (रिटायर्ड) ताराचंद मीणा की सैलरी और पेंशन रोकने के आदेश।
- कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव को निजी रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश।
- मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च 2025 को होगी।
सरकारी पक्ष और कोर्ट का रुख
सरकारी वकील ने बचाव में कहा कि इस मामले में एक विशेष अपील विचाराधीन थी, लेकिन याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि यह अपील अगस्त 2023 में ही खारिज हो चुकी थी और कोई स्टे आदेश लागू नहीं था। इस पर कोर्ट ने सरकार के दावे को खारिज करते हुए अधिकारियों पर कार्रवाई का फैसला लिया।
कौन हैं ये तीन IAS अधिकारी?
- हेमंत गेरा: तत्कालीन कार्मिक विभाग सचिव, वर्तमान में राजस्व बोर्ड के चेयरमैन।
- राजेंद्र कुमार भट्ट: उदयपुर के पूर्व संभागीय आयुक्त, 31 अगस्त 2024 को रिटायर हुए।
- ताराचंद मीणा: उदयपुर के पूर्व जिला कलेक्टर, 20 मार्च 2024 को VRS लिया और लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गए।
हाईकोर्ट की सख्ती का क्या मतलब?
- यह मामला सरकारी आदेशों की अनदेखी और कोर्ट के निर्देशों की अवमानना का है।
- हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि सरकारी अधिकारी भी कानून से ऊपर नहीं हैं और आदेशों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
- यह फैसला भविष्य में प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना रोकने का संदेश देता है।
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