
24 News Update Udaipur. विजयादशमी के शुभ अवसर पर श्री चतुर्भुज हनुमान राष्ट्रीय व्यायामशाला हरिदास जी की मगरी मे पहलवानो द्वारा विधि विधान से अस्त्र-शस्त्र का पूजन किया गया सर्व प्रथम स्वामी श्री चतुर्भुज हनुमान जी की पूजा अर्चना की गई सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा पाठ किया गया धूप दीप नैवेद्य एवं मौसमी फलों का भोग लगाया गया व्यायामशाला संस्थापक स्व.ओम प्रकाश सेन को पुष्पांजलि अर्पित की गई
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संत संप्रदाय के अध्यक्ष महंत इंद्रदेव दास ने बताया की विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन की परंपरा इस विश्वास पर आधारित है कि भगवान राम ने रावण का वध करने से पहले अपने शस्त्रों की पूजा की थी उसी तरह शरद नवरात्रि के नौ दिनों की शक्ति उपासना के बाद दशमी तिथि पर शस्त्रों की आराधना जीवन में हर क्षेत्र में विजय की कामना के साथ की जाती है
विशिष्ट अतिथि साध्वी सूरज दास, गादीपति शुशील चित्तौड़ा,पवन शर्मा राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता राकेश अठवाल,वरिष्ठ पहलवान शिव नारायण सेन मामा पहलवान,सुंदर सोलंकी थे
शास्त्र अनुसार विधि विधान से अस्त्र शस्त्र की की पूजा के बाद शस्त्र प्रदर्शन किया गया कोच हेमंत अठवाल व दिलीप कल्याणा ने दोनों हाथ की तलवार,फरसा,छूट लठ,लोकेश कुमावत,राकेश सिसोदिया,पंकज ओड,अंकित ओड द्वारा चक्र,पट्टा लकड़ी,भनेंती,मुगदल बाल पहलवान कृष्णा व हेरि यादव ने चक्र
विक्की पटून व्यायामशाला संचालक
कृष सेन ने जलती हुई दोनों हाथ की भनेंती और बाने का शानदार प्रदर्शन किया महिला पहलवान पलक सोनी, प्रेरणा द्वारा दोनों हाथ कि तलवार का प्रदर्शन देख अतिथियो ने माँ दुर्गा के जयकारे लगाए
संचालक कृष सेन ने अतितियों का धन्यवाद करते हुए कहा की
अस्त्र- शस्त्र पूजा से आत्मविश्वास और साहस की प्राप्ति होती है,जिससे व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है।
अस्त्र-शस्त्र पूजा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है,जो हमें शक्ति,सुरक्षा और आत्मविश्वास प्रदान करता है। यह अनुष्ठान हमें अपनी विरासत और परंपराओं से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है और जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि लाने में मदद करता है।
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