24 न्यूज अपडेट, राजसमंद। आज सावन का सोमवार पूरे मेवाड़ में तेज बारिश का दौर लेकर आया हैं। एक तरफ भोले बाबा के भक्तों की श्रद्धा बरस रही है तो दूसरी ओर झमाझम बारिश ने संभाग को तर कर दिया है। तेज बारिश ने सोमवार को राजसमंद जिले के मौसम को जहां राहत पहुंचाई, वहीं कई इलाकों में तबाही भी लेकर आई। जिले का बाघेरी नाका बांध जो सबके आकर्षण का केंद्र है, वहां पर सवा तीन फीट की पानी की चादर चलने लगी। खबर मिलते ही बडी संख्या में लोगों ने झरने को देखने के लिए वहां पर रूख किया है। प्रशासन यहां खास तोर पर अलर्ट है। पानी के पास पानी की गलती नहीं करें। यहां से पानी नंदसमंद बांध की ओर बढ़ रहा है, जिससे पानी की आवक में इजाफा हो गया है और जिले के सैकड़ों गांवों को जल संकट से राहत की उम्मीद बंधी है।
बांध छलका, बनास नदी से नंदसमंद की ओर बहाव
सोमवार सुबह 6 बजे तक बाघेरी नाका पर 1 फीट चादर चल रही थी, जो कुछ ही घंटों में बढ़कर 3.25 फीट हो गई। यह पानी बनास नदी के जरिए नंदसमंद बांध तक पहुंचता है। जानकारों के अनुसार यह इस वर्ष दूसरी बार है जब बाघेरी नाका छलका है। यह बांध जिले के 346 गांवों को पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्रोत है।
देवगढ़ में सबसे ज्यादा 144 मिमी बारिश
बारिश का दायरा पूरे जिले में फैला रहा। सबसे ज्यादा वर्षा देवगढ़ में 144 मिमी दर्ज की गई। कुंभलगढ़ और खमनोर क्षेत्र में भी जोरदार बारिश हुई। बनोकड़ा गांव में तालाब ओवरफ्लो हो गया और वहां की पुलिया पर पानी आने से यातायात बाधित हो गया।
खमनोर के मचींद गांव में बाढ़ जैसे हालात
खमनोर क्षेत्र के मचींद गांव में सुबह 6 बजे के बाद अचानक पानी भर गया, जिससे सुथारों का मोहल्ला पूरी तरह जलमग्न हो गया। सड़क पर 4 से 5 फीट तक पानी भरने से 2 कारें बह गईं। गांव की राशन की दुकान, एक बैंक शाखा और कई अन्य दुकानों में पानी घुस गया। ग्रामीणों ने ऊंचे स्थानों पर शरण ली और बारिश थमने का इंतजार करते रहे। कुंभलगढ़ क्षेत्र में अलसुबह 3 बजे से शुरू हुई बारिश लगातार 6 घंटे तक चली। ओड़ा गांव में एक खेत से निकला पानी झरने की तरह बहता नजर आया। शहर के अंदर भी जलभराव की स्थिति बनी रही।
बाघेरी नाकाः राजसमंद का जल संकेतक
हर साल मानसून में बाघेरी नाका बांध की स्थिति यह तय करती है कि जिले में पानी कितना भरेगा। इस बार की बारिश ने शुरुआती ही दिनों में बाघेरी नाका को छलका दिया है, जिससे उम्मीद है कि नंदसमंद बांध भी जल्द लबालब होगा। यह नजारा जहां किसानों और ग्रामीणों के लिए खुशी की खबर है, वहीं प्रशासन के लिए चुनौती भी, क्योंकि कई स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
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