
24 News Update उदयपुर। विश्व की सबसे प्राचीन और सबसे बड़ी पर्वतमालाओं में शामिल अरावली को बचाने के लिए उदयपुर के स्वर्णकार शिल्पी एवं 121 वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर प्रोफेसर डॉक्टर इक़बाल सक्का ने एक अनोखी पहल की है। उन्होंने चांदी से विश्व की सबसे छोटी अरावली पर्वतमाला का सूक्ष्म मॉडल तैयार कर केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार से अरावली संरक्षण की अपील की है।
डॉ. सक्का द्वारा निर्मित यह अरावली मॉडल अपने आप में अद्भुत कारीगरी का उदाहरण है। मात्र 3 मिलीमीटर की हरी-भरी पहाड़ियों के साथ इसमें रेतीले क्षेत्र को भी दर्शाया गया है, जिसे सामान्य आंखों से देख पाना संभव नहीं है। इस सूक्ष्म कलाकृति को देखने के लिए लेंस की आवश्यकता होती है। डॉ. सक्का ने बताया कि इस अनूठी अरावली माला को तैयार करने में उन्हें करीब 24 घंटे का समय लगा।
डॉ. सक्का का कहना है कि अरावली पर्वतमाला न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश के लिए जीवन रेखा है। यह जल संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और जलवायु नियंत्रण में अहम भूमिका निभाती है। वर्तमान समय में खनन, अतिक्रमण और विकास के नाम पर हो रहे अंधाधुंध दोहन से अरावली का अस्तित्व खतरे में है।
उन्होंने अपने इस कलात्मक प्रयास के माध्यम से भारत सरकार, राज्य सरकार और न्यायपालिका से निवेदन किया है कि अरावली से जुड़े अदालती फैसलों पर एक बार पुनः विचार किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए इस प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके।
डॉ. सक्का ने कहा कि कला समाज को जागरूक करने का सशक्त माध्यम है। यदि उनकी यह छोटी-सी अरावली माला सरकार और समाज को अरावली संरक्षण के लिए प्रेरित कर सके, तो यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
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