24 न्यूज अपडेट, बांसवाड़ा। साइबर थाना पुलिस ने 13 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले में एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए शहर के बाहुबली कॉलोनी निवासी ज्वेलरी व्यापारी अविनाश जैन को गिरफ्तार किया है। अविनाश पर आरोप है कि वह ठगी से प्राप्त नकदी को हवाला के जरिए दुबई निवासी प्रेम दोसी तक पहुंचाता था।
इससे पहले इस मामले में मुख्य आरोपी अमन को गिरफ्तार किया गया था, जो वर्तमान में रिमांड पर है। पूछताछ में अमन ने अविनाश का नाम उजागर किया, जिसके बाद साइबर पुलिस ने अविनाश को पकड़ा। पुलिस जांच में सामने आया कि अविनाश की शहर में एक गहनों की दुकान है और वही ठगी के पैसे की निकासी और हवाला के जरिए विदेश भेजने का जिम्मा संभालता था।
ऐसे हो रहा था पूरा फर्जीवाड़ाः
अमन विभिन्न निष्क्रिय बैंक खातों में साइबर ठगी के पैसे डलवाता था। खाते में पैसा आते ही अविनाश अपनी दुकान के दो कर्मचारियों को बैंक भेजता, जहां पूर्व बैंककर्मी दिव्यांशु सोलंकी और उपशाखा प्रबंधक मेगनेश जैन की मदद से कैश विड्रॉ करवा लिया जाता। अविनाश ने स्वीकार किया है कि कैश मिलने के बाद प्रेम दोसी का इंटरनेशनल कॉल आता था और फिर उसके आदमी रुपए लेने दुकान पर पहुंचते थे।
डिजिटल करेंसी के जरिए अंतरराष्ट्रीय लेनदेन
अमन, बाइनेंसऐप के जरिए दुबई में प्रेम दोसी से डिजिटल करेंसी मंगवाता और फिर ऐप के माध्यम से इसे सेल कर देता था। पुलिस को संदेह है कि इस डिजिटल करेंसी को साइबर ठग खरीदते थे और यह पैसा फर्जी खातों में जमा करवाकर भारत में विड्रॉ किया जाता। फिर यह रकम हवाला से दुबई पहुंचाई जाती थी।
पुलिस को क्या संदेहः
इस पूरे नेटवर्क में डिजिटल करेंसी का प्रयोग कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेन-देन हो रहा था, जिससे पुलिस की पकड़ से बचा जा सके। यह भी आशंका है कि अमन को इन लेन-देन पर कमीशन मिलती थी। चूंकि भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्रतिबंधित है, इसलिए इसे अवैध तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा था। अब साइबर पुलिस ऐप कंपनी से अमन के खाते से जुड़े सभी ट्रांजैक्शन की जानकारी जुटा रही है कि किन-किन लोगों ने उससे डिजिटल करेंसी खरीदी। थाना प्रभारी सीआई देवीलाल मीणा ने बताया कि अविनाश और अमन दोनों से गहन पूछताछ जारी है। यह अंतरराष्ट्रीय गिरोह कितना फैला हुआ है और इसके तार देश-विदेश में कहां-कहां जुड़े हैं, इसका पता लगाया जा रहा है।
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