24 न्यूज अपडेट, नेशनल डेस्क। गुरुग्राम बेस्ड डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक के साथ बड़ा साइबर घोटाला सामने आया है। कंपनी के सॉफ्टवेयर अपडेट में आई तकनीकी खामी के कारण 11-12 सितंबर को महज 48 घंटे में यूजर्स ने करीब 40 करोड़ रुपए अवैध रूप से निकाल लिए। इस गड़बड़ी का सबसे ज्यादा फायदा नूंह जिले में उठाया गया, जहां कई लोग रातों-रात लखपति बन गए।
घोटाले का खुलासा 12 सितंबर को कंपनी के इंटरनल ऑडिट में हुआ। इसके बाद कंपनी ने गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और अब तक नूंह के 5 व पलवल के 1 व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही करीब 2500 खातों को फ्रीज कर दिया गया है, जिनमें 8 करोड़ रुपए मौजूद हैं।
कैसे हुआ घोटाला
कंपनी की जांच में सामने आया कि सॉफ्टवेयर अपडेट के दौरान सिक्योरिटी चेक डिसेबल हो गया था। इस वजह से—
गलत UPI पिन डालने पर भी ट्रांजैक्शन सफल दिखा,
बैलेंस न होने पर भी पैसा ट्रांसफर हो गया,
अनसक्सेसफुल ट्रांजैक्शन भी सक्सेसफुल दर्ज हो गए।
इस तकनीकी गलती का फायदा उठाकर केवल हरियाणा के तीन जिले—नूंह, पलवल और गुरुग्राम—में धड़ाधड़ ट्रांजैक्शन हुए। अकेले नूंह जिले में करीब 30 करोड़ रुपए निकाले गए।
रिकवरी कैंप और कार्रवाई
मोबिक्विक ने नूंह के लघु सचिवालय में 23 सितंबर तक रिकवरी कैंप लगाया है। जिन लोगों ने गलत तरीके से पैसे निकाले हैं, उन्हें राशि लौटाने का मौका दिया जा रहा है। रकम वापस न करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज होगी। गुरुग्राम पुलिस प्रवक्ता अशोक कुमार के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों में नूंह के रेवासन गांव का रेहान, कामेड़ा का वकार यूनुस, मरोड़ा का वकीम अकरम, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद अंसार, जबकि पलवल जिले के उटावड़ का मोहम्मद शकील शामिल हैं।
सेबी और स्टॉक एक्सचेंज को सफाई
घोटाले पर कंपनी को सेबी और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को भी रिपोर्ट देनी पड़ी। कंपनी ने साफ किया कि इस मामले में उसके किसी कर्मचारी की मिलीभगत नहीं है। कंपनी ने अब तक करीब 14 करोड़ रुपए रिकवर कर लिए हैं और शेष रकम वापस लेने की कोशिश की जा रही है।
शेयरों पर असर
घोटाले की खबर सामने आने के बाद 17 सितंबर को कंपनी के शेयर 2.4% टूटकर ₹303.90 पर आ गए।
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