24 न्यूज अपडेट, स्टेट डेस्क। छात्रसंघ चुनाव का मौसम आते ही धरना, प्रदर्शन, भूख हड़ताल, जोशीले गलाफाड़ भाषणों के बीच अपनी मांगें मनवाने के प्रयास, दरवाजों पर दलबल के साथ दस्तक, टेबलों पर मुक्केमार दिलेरी, महत्वपूर्ण बैठकों में जाकर हंगामे आदि के दौर शुरू हो चुके है। साथ ही हर नए स्टूडेंट का स्वागत व हमदर्द का टॉनिक वाल ट्रीटमेंट भी खूब लुभा रहा है लेकिन छात्रनेताओं से गुजारिश है कि अभी इसको होल्ड पर रखें। पिछले साल भी यह सब करने के बाद हाथ में कुछ भी नहीं आया। चुनाव हुए ही नहीं, मेहनत बेकार गई। ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि राज्य सरकार की मंशा में चुनाव करवाना नहीं दिख रहा है।
छात्रसंघ चुनावों को लेकर डिप्टी सीएम और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ प्रेम चंद बैरवा का बयान आने के बाद डबल इंजन की सरकार में खुद भाजपा समर्थित छात्र इकाइंयां परेशान हो गई हैं। बैरवा साहब ने जयपुर में कहा कि राजस्थान में छात्र संघ चुनाव भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नहीं करवाए थे। न ही हमारी सरकार ने छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाई है। इसलिए मैं इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहना चाहता हूं। क्योंकि न हम कराने वाले हैं, न बंद करने वाले हैं। इस पर छात्रनेता याद दिला रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में फिर से छात्र संघ चुनाव शुरू करने का वादा किया है। लेकिन चुनाव जीतने के बाद अब बीजेपी के नेता अपने वादे से मुकर रहे हैं। अब प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी है। राजस्थान में फिर से छात्र संघ चुनाव शुरू करने के लिए पूर्व मंत्री भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, खाचारियावास, रविन्द्रसिंह भाटी सहित कई जैसे नेता भी समर्थन में है।
आपको बता दें कि राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, कोटा विश्वविद्यालय कोटा, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर, पं. दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर में चुनाव की संभावना कम। राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर, गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा, हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जन संचार विश्वविद्यालय जयपुर, डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय, जयपुर और एम.बी.एम. विश्वविद्यालय जोधपुर के साथ ही प्रदेश के 500 सरकारी और 600 से अधिक प्राइवेट कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव पर रोक जारी रह सकती है।
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