
24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। गुरुवार सुबह करीब 10 बजे अमृतलाल मीणा की पार्थिव देह उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल से सलूंबर के लिए रवाना हुई। बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता व शुभचिंतकों ने विदाई देकर मौक्षरथ को रवाना किया। मीणा का अंतिम संस्कार थोड़ी ही देरे में उनके पैतृक गांव लालपुरिया (सलूंबर) में किया जाएगा। इससे पहले उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए सलूंबर में रखी जाएगी। बताया गया कि प्रातः-10 बजे महाराणा भोपाल चिकित्सालय उदयपुर से पार्थिव देह अंतिम यात्रा के रूप में रवाना होते हुए केवडा, पलोदडा), अमरपुरा, पीलादर, जयसमन्द खेराड, बस्सी होते हुए सलूंबर पहुंची है जहां पर हजारों लोग पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए इकट्ठा हुए हैं। यहां से डाक बंगला तक ले जाया जाएगा। जयपुर से कई बड़े नेताओं के आने खबर है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ भी मीणा को श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे। अमृतलाल मीणा लगातार तीन बार से सलूंबर के विधायक थे। उनकी आदिवासी नेता के तौर पर भी पहचान थी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ भी मीणा को श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे। इस इलाके में अमृतलाल मीणा आदिवासी समाज में काफी लोकप्रिय नेता थे। लालपुरिया गांव में 1959 में जन्मे अमृतलाल मीणा 20 साल से राजनीति में सक्रिय रहे। मीणा 2004 में पंचायत समिति सराड़ा के सदस्य रहे। वर्ष 2007-10 तक जिला परिषद उदयपुर के सदस्य और 2010 में पंचायत समिति सराड़ा में प्रतिपक्ष नेता बने। वर्ष 2013 में विधायक पहली बार चुने गए। उन्होंने कांग्रेस के रघुवीर मीणा की पत्नी बसंती देवी मीणा को हराया। उसके बाद 2018 और 2023 में कांग्रेस दिग्गज नेता रघुवीर सिंह मीणा को हराकर विधानसभा पहुंचे। अमृतलाल राजस्थान विधानसभा में प्राक्कलन समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति, विशेषाधिकार समिति और अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति के सदस्य रहे। साल 2021 में अमृतलाल मीणा को 10 दिन से ज्यादा समय जेल में रहे। इसका कारण था कि 2015 में अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी सेमारी से सरपंच का चुनाव जीती थीं। शांता देवी की प्रतिद्वंदी उम्मीदवार सुगना देवी ने उनके खिलाफ फर्जी मार्कशीट को लेकर शिकायत दर्ज कराई। सीबीसीआईडी की जांच में मार्कशीट फर्जी पाई गई। अमृतलाल मीणा ने बतौर अभिभावक पत्नी की पांचवीं की मार्कशीट पर साइन किए थे। इसलिए उन्हें आरोपी बनाया गया था। सुगना देवी की शिकायत के बाद मामला स्थानीय कोर्ट और फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने विधायक अमृतलाल मीणा को मामले में 3 सप्ताह में स्थानीय कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए। न्यायालय ने मीणा की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया था।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.