
24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर। शहर से सटे बड़गांव में गुरुवार को वलावण के साथ ही गवरी का समापन हुआ।गुरुवार को खेड़ा माता चौक में गवरी रमी। यहीं पर गवरी में शामिल आदिवासी भाइयों को बहन बेटियों ने पेरावणी की। इसके बाद गवरी दल अपार जन समूह के साथ आशापुरा माता जी मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना के बाद हाथी पर सवार गौरज्या माता की शोभायात्रा शुरू हुई।
थाली मादल की थाप पर नाचते गवरी कलाकार और गौरज्या माता की शोभायात्रा जैसे जैसे आगे बढ़ती रही वैसे वैसे धर्म सैलाब उमड़ता गया। लोगों ने गौरज्या माता जी को नमन कर आशीर्वाद लिया। शाम को शुभ मुहूर्त में वर्षो से तय स्थान पर हाथी पर सवार गौरज्या माता को जल में विसर्जित किया।
देर रात हुई गवरी पंत की अग्नि परीक्षा
बुधवार देर रात आशापुरा माता जी मंदिर पर गवरी दल के प्रमुख पंत की अग्नि परीक्षा हुई । इन सभी ने अग्नि परीक्षा देकर गौरज्या माता के समक्ष यह प्रमाण दिया कि हमने तन मन से कठिन तपस्या और तप का पालन करते हुए गवरी व्रत का धर्म निभाया।
खेड़ा माता चौक भी छोटा पड़ गया
बुधवार रात खेड़ा माता चौक में गवरी नृत्य देखने इस कदर लोग उमड़ पड़े कि गांव का सबसे बड़ा चौक होने के बावजूद यहां जगह कम पड़ गई। हालांकि लोगों ने गुरुवार तड़के तक गवरी नृत्य देखा।
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