24 न्यूज अपडेट. नेशनल डेस्क। मिनटों में बन जाने वो ग्रप और उसके बाद दुनियाभर के मसलों पर बेबाक चेट करने का जमाना जिम्माब्वे में तो चला गया लगता है। वहां की सरकार ने सरकार ने एक नए नियम की घोषणा की है जिसके तहत अब सभी वॉट्सऐप ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर को जिम्बाब्वे के पोस्ट और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी के साथ रजिस्टर कराना होगा और अपने ग्रुप को चलाने करने के लिए लाइसेंस लेना होगा। ग्रुप एडमिन बनने के लिए लाइसेंस फीस 4200 रुपये है। इंडिया में तो जब चाहे कोई भी ग्रुप बना सकता है और चला सकता है, लेकिन अगरएडमिन बनने के पैसे देने पड़ जाएं तो शायद एक चौथाई ग्रप भी नहीं बचने वाले हैं। जिम्बाब्वे की सरकार ने नए नियम की घोषणा की है जिसके तहत अब सभी वॉट्सऐप ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर को जिम्बाब्वे के पोस्ट और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी से रजिस्टर कराना ही होगा। जिम्बाब्वे के इंफॉर्मेंशन, कम्युनिकेशन टेक्नोलजी, पोस्टल और कूरियर सर्विसेस मिनिस्टर टाटेंडा मावेटेरा ने कहा है कि अब 50 डॉलर (करीब 4200 रुपये) का लाइसेंस लेना पड़ेगा। नए वॉट्सऐप रेगुलेशन का उद्देश्य गलत सूचना के प्रसार और संभावित अशांति को रोकना है। देश के डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के साथ तालमेल बिठाना है। एक्ट में बताया गया है कि पर्सनल इंफॉर्मेंशन वह जानकारी है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पहचान करने के लिए किया जा सकता है। वॉट्सऐप ग्रुप एडमिन के पास ग्रुप के सदस्यों के फोन नंबर तक पहुंच होती है, यही वजह है कि सरकार के अनुसार वे यह डेटा कानून में आता है। इस घोषणा के बाद से जिम्बाब्वे के कई लोगों द्वारा बिजनेस मार्केटिंग और कस्टमर कम्युनिकेशन के लिए किए गए कामों को तुरन्त अपराध घोषित कर दिया गया है। लाइसेंसिंग से झूठी सूचना के सोर्स का पता लगाने में मदद मिलेगी। लाइसेंसिंग प्रक्रिया के तहत ग्रुप एडमिन को पर्सनल इंफॉर्मेंशन भी देनी होगी। इस फैसले की अब चौतरफा आलोचना हो रही है।
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