उदयपुर। भारत की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ा एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने राजस्थान शिक्षा विभाग के साथ एमओयू के माध्यम से अगले पांच वर्षों में बाल शिक्षा कोबढ़ावा देने हेतु 36करोड़ रूपयें के निवेश की घोषणा की। दो दिन पहले ही हिन्दुस्तान जिंक के खिलाफ उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने दिल्ली में मंत्री अनुराग ठाकुर से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। अब समझ में नही आ रहा है कि डबल इंजन की सरकार में भाजपा के ही सांसद की ही आखिर क्यों नहीं सुनी जा रही है। यदि राज्य सरकार वास्तव में सांसद की गिनाई जिंक की अनियमितताओं के प्रति गंभीर होती तो करोड़ों के एमओयू करने के बचती मगर ऐसा नहीं हुआ। लोग पूछ रहे हैं कि एक तरफ विरोध, दूसरी तरफ करोड़ों के निवेश, आखिर ये चल क्या रहा है??? कहीं ये इलेक्शन का बुलबुला तो नहीं है या फिर वर्चस्व की कोई शॉर्ट टर्म गोल अचीव करने वाली जंग। बहरहाल, जयपुर में आयोजित राइजिंग राजस्थान एजुकेशन प्री-सम्मिट में हस्ताक्षरित, यह एमओयू मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावरऔर युवा एवं खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। एमओयू पर कंपनी की ओर से हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने हस्ताक्षर किए तथा एमओयू काआदान-प्रदान राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान अविचल चतुर्वेदी एवं वेदांता हिन्दुस्तान जिंक़ की सीएसआर हेड अनुपम निधि के बीच हुआ।
शिक्षा संबल पहल के माध्यम से, हिंदुस्तान जिंक प्रशिक्षित शिक्षकों, अनुकूलित शिक्षण विधियों और माध्यमिक छात्रों के लिए सामयिक शिविरों के माध्यम से छात्रों के सीखने की जरूरतों को पूरा करेगा। इसमें शैक्षणिक सफलताके लिए मजबूत आधार हेतु राजकीय विद्यालय के शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण भी शामिल है। साथ ही चयनित विद्यालयों को आधुनिक कक्षाओं, स्वच्छता सुविधाओं, प्रौद्योगिकी और व्यावहारिक शिक्षण सामग्री सेसुसज्जित आदर्श संस्थानों में अपग्रेड किया जाएगा, जो समकालीन शैक्षिक मानकों के अनुरूप सीखने के वातावरण को बढ़ावा देगा। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, हिंदुस्तान जिंक सार्थक करियर हेतुआवश्यक ज्ञान और उपकरणों के साथ छात्रों को सशक्त बनाने के लिए करियर मार्गदर्शन और कौशल प्रशिक्षण को प्राथमिकता देगा।
वेदांता समूह द्वारा हाल ही में प्रदेश में 1 लाख करोड़ के नये निवेश की घोषणा के बाद इस एमओयू के माध्यम से, हिंदुस्तान जिंक और शिक्षा विभाग 72 राजकीय विद्यालयों में शैक्षिक बुनियादी ढांचे और संसाधनों को मजबूत करनेके लिए कार्य करेंगे, जिससे सालाना 2 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित होगें एवं करियर की ओर अग्रसर होगें। यह कंपनी की समुदायों के सतत और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि शिक्षा विकास का प्राथमिक आधार है, शैक्षिक विकास पर केंद्रित कई एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए है। विभिन्न क्षेत्रों में राजस्थान की अपार संभावनाओं कोस्वीकार करते हुए उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य राज्य के युवाओं की क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करना है। सीमित समय के बावजूद, उन्होंने राइजिंग राजस्थान को मिले असाधारण समर्थन और इसकी सफलता में योगदानदेने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
इस पहल पर प्रकाश डालते हुए हिन्दुस्तान जिंक़ के मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि, हिंदुस्तान जिंक में, हम शिक्षा और सशक्तीकरण को परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में बढ़ावा देने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं।प्रदेश के युवा और यहां का विकास इसके समग्र पोषण पर निर्भर करता है।यह साझेदारी राजस्थान के भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह निवेश शैक्षिक मानकों को ऊंचा उठाएगा और समुदाय की दीर्घकालिकप्रगति में योगदान देगा। हम हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सार्थक करियर मार्गदर्शन और जीवन-समृद्ध अवसरों तक पहुंच प्रदान करने में विश्वास करते हैं ताकि कोई भी बच्चा पीछे न रहे। 72 विद्यालयों में हमारा निवेश एक मजबूत, सुसज्जित युवाओं के निर्माण की हमारी दृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है जो आत्मविश्वास और उद्देश्य के साथ राजस्थान के भविष्य को अग्रसर करेगें।
हिंदुस्तान जिंक की प्रमुख शिक्षा-केंद्रित पहल, शिक्षा संबल, 2008 से राजस्थान में संचालित हो रही है, जो ग्रामीण और वंचित समुदायों में सालाना 2 लाख से अधिक बच्चों को लाभान्वित कर रही है। कंपनी ने ग्रामीण बच्चों मेंविकास को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान और उत्तराखंड में 1400 से अधिक नंद घर स्थापित किए हैं।
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