ब्यूरो पश्चिम बंगाल पीएम मोदी ने बुधवार को कोलकाता में देश की पहली अंडर वाटर मेट्रो टनल का उद्घाटन किया है। इसे हुगली नदी के तल से करीब 32 मीटर नीचे बनाया गया है। इस अडर वाटर टनल से हावड़ा मैदान – एस्पलेनेड के बीच मेट्रो दौड़ेगी। इस सुविधा के शुरु होने के बाद कोलकाता मेट्रो का हावड़ा मैदान-एस्पलेनेड सेक्शन देश भर में आकर्षण का केंद्र बन गया है।
इसके शुरू होने से हुगली नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित हावड़ा और पूर्वी तट पर साल्ट लेक का इलाके के बीच आवागमन अब काफी आसान हो जाएगा। इस अडंर वाटर मेट्रो में 6 स्टेशन होंगे जिसमें तीन स्टेशन जमीन के अंदर होंगे। वहीं अब हावड़ा मेट्रो स्टेशन देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन के तौर पर जाना जायेगा। जमीन से 30 मीटर नीचे खुदाई कर करके हावड़ा मेट्रो स्टेशन को बनाया गया है।
इस अंडरवाटर मेट्रो में हुगली नदी के तल के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है। इस अंडरवाटर मेट्रो में यात्रियों को 5G इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी। इसे अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर बनाया गया है। दावा किया जा रहा है कि नदी के नीचे रहने के बावजूद इस टनल में पानी की एक बूंद भी नहीं आ सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पूरी परियोजना की लागत करीब 8,600 करोड़ रुपये है।
अंडर वाटर मेट्रो के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद इस मेट्रो से ही पीएम मोदी ने स्कूली बच्चों के साथ यात्रा की। उन्होंने एस्प्लेनेड से हावड़ा मैदान तक इस अडंर वाटर मेट्रो की सवारी की है।
इस दौरान भाजपा और पीएम मोदी के समर्थकों ने ‘मोदी-मोदी’ और ‘जय श्री राम’ के जोरदार जयकारों के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी भी मौजूद थे।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता मेट्रो ने पिछले साल अप्रैल में तब एक बड़ी कामयाबी पाई थी जब इसने भारत में पहली बार जल स्तर से 32 मीटर नीचे एक सुरंग के माध्यम से हुगली के तल के नीचे एक परीक्षण यात्रा पूरी की थी।
हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड के बीच 4.8 किमी में फैला यह ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर आईटी हब साल्ट लेक सेक्टर वी जैसे प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ता है।
2010 में इस प्रोजेक्ट की हुई थी शुरुआत
कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर सैयद मो. जमील हसन ने बताया कि 2010 में टनल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट एफकॉन्स कंपनी को दिया गया था. एफकॉन्स ने अंडर वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए जर्मन कंपनी हेरेनकनेक्ट सेल बोरिंग मशीन (टीबीएम) मंगाईं थी. इन मशीनों के नाम प्रेरणा और रचना हैं, जो एफकॉन्स के एक कर्मचारी की बेटियों के नाम पर हैं.
टनल के लिए सही जगह की पहचान के लिए हुआ था सर्वे
इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी दो चुनौतियां यहीं थीं कि खुदाई के लिए सही मिट्टी का चुनाव कैसे होगा और दूसरा टीबीएम की सेफ्टी कोलकाता में हर 50 मीटर की दूरी पर अलग-अलग तरह की मिट्टी मिलती है. टनल के लिए सही जगह की पहचान के लिए मिट्टी के सर्वे में ही 5 से 6 महीने गुजर गए थे और 3 से 4 बार सर्वे किए जाने के बाद तय किया गया कि हावड़ा ब्रिज से हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे की मिट्टी पर टनल बनाई जा सकती है.
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