उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के राजस्थान कृषि महाविद्यालय में आज दिनांक 26 दिसंबर 2025 को वीर बाल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता डीन प्रो. मनोज कुमार महला ने की। प्रो. महला ने बाल दिवस के महत्व और साहस के संदेश पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन देश और धर्म के प्रति त्याग और बलिदान की प्रेरणा देता है।
कार्यक्रम में डॉ. हरि सिंह मीणा ने वीर बाल दिवस के ऐतिहासिक महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2022 में 26 दिसंबर को हर साल वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस दिन सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह जी के चारों बेटों ने धर्म और देश की रक्षा के लिए शहादत दी थी। विशेषकर सबसे छोटे साहिबजादों 9 वर्षीय जोरावर सिंह और 7 वर्षीय फतेह सिंह का बलिदान उल्लेखनीय है। मुगलों ने दोनों पर धर्म परिवर्तन करने और इस्लाम अपनाने का दबाव डाला, लेकिन दोनों ने अपने धर्म की रक्षा करते हुए इसे अस्वीकार कर दिया।
डॉ. मीणा ने आगे बताया कि साहिबजादों का यह बलिदान धर्म, सत्य और राष्ट्र की रक्षा के लिए अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। माता गुजरी और गुरु गोबिंद सिंह जी के संस्कारों ने साहिबजादों में मानवता की रक्षा के बीज बोए थे, जिन्हें क्रूर यातनाओं और जिंदा दीवार में चुनवाए जाने जैसी अमानवीय हरकतें भी मिटा नहीं सकीं। इस बलिदानगाथा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने वीर बाल दिवस मनाने की पहल की।
कार्यक्रम के दौरान डीन प्रो. महला, डॉ. मीणा एवं अन्य आचार्यगणों ने गुरु गोबिंद सिंह जी, माता गुजरी और चारों वीर साहिबजादों की शहादत को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष, आचार्यगण और संकाय सदस्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर विद्यार्थियों और स्टाफ ने वीर साहिबजादों की बलिदानगाथा से प्रेरणा लेते हुए देशभक्ति और धर्म की रक्षा के संदेश को दोहराया।
रामनारायण कुम्हार, मीडिया प्रकोष्ठ एवं सह जन संपर्क अधिकारी ने यह जानकारी दी।
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