24 News Update नई दिल्ली/उदयपुर. टेलर कन्हैयालाल की निर्मम हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज को लेकर कानूनी पेंच और तेज हो गया है। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 12 जुलाई को प्रस्तावित फिल्म रिलीज पर अंतरिम रोक लगाने के बाद अब निर्माता पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट गौरव भाटिया ने इस मामले में अर्जेंट सुनवाई की मांग करते हुए तर्क दिया कि सभी सिनेमाघरों की बुकिंग पूरी हो चुकी है और रिलीज की सारी तैयारियां अंतिम चरण में थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार की, जल्द होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। हालांकि, एडवोकेट भाटिया द्वारा 15 जुलाई को सुनवाई की अपील किए जाने पर कोर्ट ने बुधवार या किसी अन्य उपयुक्त दिन सुनवाई की बात कही।
सुनवाई के दौरान गौरव भाटिया ने कोर्ट को बताया कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से पास मिल चुका है और CBFC प्रमाणपत्र मौजूद है। उन्होंने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश फिल्म रिलीज से एक दिन पहले रात 8 बजे आया, जिससे फिल्म निर्माता और थिएटर मालिकों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने इसे मौलिक अधिकारों के उल्लंघन से जोड़ते हुए सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की।
क्यों बढ़ा विवाद? हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’, 28 जून 2022 को उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की गला काटकर हत्या की घटना पर आधारित है। फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही यह विवादों में आ गई। हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म की रिलीज पर रोक की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया था। बाद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और अन्य ने दिल्ली हाईकोर्ट में नई याचिकाएं दायर कीं, जिनमें कहा गया कि फिल्म के संवेदनशील दृश्य और संवाद सांप्रदायिक तनाव फैला सकते हैं। 11 जुलाई को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच (जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल) ने अंतरिम आदेश जारी कर फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी।
फिल्म से जुड़े तथ्य और मामला
‘उदयपुर फाइल्स’ उस घटना पर आधारित है, जिसमें कन्हैयालाल की सोशल मीडिया पर इस्लाम विरोधी पोस्ट साझा करने के बाद गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी ने सार्वजनिक रूप से हत्या कर दी थी। NIA ने इस मामले को आतंकवादी घटना मानते हुए जांच शुरू की और यूएपीए (UAPA) सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। अब तक 11 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, जिनमें से कई का संबंध पाकिस्तान से संचालित आतंकी नेटवर्क से बताया गया है। फरार आरोपियों में सलमान और अबू इब्राहिम का नाम भी शामिल है, जो कराची निवासी बताए गए हैं। वाराणसी में भी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव और शहर के मुफ्ती ने जिलाधिकारी व पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर फिल्म की रिलीज पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि फिल्म में ज्ञानवापी विवाद और नूपुर शर्मा के बयान जैसे विषयों को भी फिल्माया गया है, जिससे शांति भंग हो सकती है।
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