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गोगुंदा के किसानों को काली हल्दी की खेती का प्रशिक्षण, सतत औषधीय खेती पर दो दिवसीय कार्यक्रम सम्पन्न

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24 News Update उदयपुर। कृषि विज्ञान केंद्र बडगांव में गोगुंदा ब्लॉक के किसानों के लिए राजस्थान में संकटग्रस्त औषधीय पौधों की सतत खेती पर दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय औषधि पादप बोर्ड, आयुष मंत्रालय भारत सरकार और कृषि विकास सहकारी समिति लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं संस्था प्रमुख डॉ. पी.सी. भटनागर को साफा पहनाकर सम्मानित करने के साथ हुआ। डॉ. मनप्रीत सिंह ने काली हल्दी की वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने पर विशेष जोर दिया, जबकि इंजीनियर हसमुख गहलोत ने आधुनिक सिंचाई तकनीकों और प्रबंधन के लाभ बताए।

डॉ. भगवत सिंह ने खेत की तैयारी, जैविक व आधुनिक खेती की विधियों के बारे में जानकारी साझा की। डॉ. बहादुर सिंह ने मृदा स्वास्थ्य, उपयुक्त भूमि और उससे मिलने वाले लाभों के विषय में किसानों को प्रशिक्षित किया। कृषि विशेषज्ञ कविता गोयल ने काली हल्दी के आर्थिक महत्व और उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

आयुर्वेदिक चिकित्सालय से डॉ. देवीचंद ने काली हल्दी के औषधीय उपयोग व उपचार में भूमिका बताई, जबकि डॉ. दीपक कुमार ने रोग एवं कीट प्रबंधन की जानकारी दी। फसल बीमा योजना पर डॉ. जीवनराम ने किसानों को जागरूक किया।

समापन सत्र में डॉ. पी.सी. भटनागर ने किसानों को संबोधित कर औषधीय पौधों की खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं और प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले किसानों को प्रमाण पत्र व बैग वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया।

इस अवसर पर गोगुंदा ब्लॉक के 50 से अधिक किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन परियोजना समन्वयक राजीव पाल ने किया। कार्यक्रम ने किसानों को काली हल्दी की खेती को बढ़ावा देने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया।

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