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अजमेर दरगाह क्षेत्र में रह रहीं तीन बांग्लादेशी महिलाएं पकड़ी गईं, फर्जी दस्तावेजों से छुपा रही थीं पहचान; अब तक 41 डिटेन

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24 News Update अजमेर। जिला पुलिस और सीआईडी जोन की संयुक्त कार्रवाई में अजमेर के दरगाह क्षेत्र स्थित सिलावट मोहल्ला से तीन बांग्लादेशी महिलाओं को डिटेन किया गया है। ये महिलाएं वर्षों से इलाके में पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर की निवासी बताकर रह रही थीं, लेकिन जांच में इनके पहचान पत्र व दस्तावेज फर्जी पाए गए। पूछताछ में खुलासा हुआ कि पकड़ी गई महिलाएं—पन्ना बेगम उर्फ अमीन पुत्री मोहम्मद हैदर, समीर और साहनी उर्फ समीना उर्फ रिहाना—बांग्लादेश की सीमा से अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई थीं। वे बांग्लादेश के जुरेंन तुला बगीचा, डाकघर फरीदाबाद, श्याम्पुर, ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन क्षेत्र की मूल निवासी हैं। बताया गया कि ये महिलाएं बांग्लादेश-भारत सीमा के बेनापोल और हिल्ली बॉर्डर से एजेंटों की मदद से चोरी-छिपे भारत में दाखिल हुईं और मेदिनीपुर सहित कई शहरों में रहते हुए पिछले दो वर्षों से अजमेर के दरगाह क्षेत्र में पहचान छिपाकर रह रही थीं। पुलिस ने तीनों महिलाओं को अलवर स्थित डिटेंशन सेंटर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गौरतलब है कि इसी सप्ताह मंगलवार को पुलिस ने रूपनगढ़ क्षेत्र से भी तीन बांग्लादेशी महिलाओं को पकड़ा था जो ग्रामीण युवकों से विवाह कर वहीं रह रही थीं। अब तक जिले में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के विरुद्ध चल रहे अभियान के तहत कुल 41 लोगों को डिटेन किया जा चुका है, जिनमें 8 महिलाएं शामिल हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस कार्रवाई को लगातार आगे बढ़ा रही हैं।

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