24 News Update नई दिल्ली। देश में आवारा कुत्तों और बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने अब बड़ा कदम उठाया है। आधिकारिक एडवाइजरी में बताया गया है कि देश में 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते हैं और इनमें से 70% का वैक्सीनेशन व नसबंदी एक साल के भीतर करने का लक्ष्य रखा गया है। 2019 की पशु गणना के अनुसार 50 लाख बेसहारा पशु भी चिन्हित किए गए हैं, जिन पर यह अभियान चलाया जाएगा।
पहली बार ग्राम पंचायतें भी होंगी शामिल
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी मंत्रालय ने संयुक्त रूप से यह मास्टर एक्शन प्लान तैयार किया है। इसमें पहली बार ग्राम पंचायतों को भी जोड़ा गया है और राज्यों को एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की मदद लेने को कहा गया है।
ग्रीन टैग कॉलर और कान में टैग से होगी पहचान
योजना के अनुसार, जिन आवारा कुत्तों का वैक्सीनेशन और नसबंदी हो चुकी होगी, उन्हें ग्रीन टैग कॉलर पहनाया जाएगा, जिस पर सभी जानकारी अंकित होगी और यह डेटा पशुधन पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा।
इसी तरह, बेसहारा पशुओं के स्टरलाइजेशन के बाद उनके कान में हरे रंग का टैग लगाया जाएगा, ताकि नगर निकाय कर्मियों को तुरंत पहचान हो सके कि किसे पकड़ना है और किसे नहीं।
सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश
यह पहल तब सामने आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों के भीतर सड़कों से हटाकर शेल्टर होम में रखा जाए और वे वापस सड़कों पर नहीं लौटें। कोर्ट ने चेतावनी दी कि इस अभियान में बाधा डालने वालों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई होगी। इसी दिन राजस्थान हाईकोर्ट ने भी शहरी सड़कों से आवारा कुत्ते और पशु हटाने का आदेश दिया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को क्रूर और अदूरदर्शी बताया। उन्होंने कहा कि शेल्टर, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल से बिना क्रूरता के कुत्तों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
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