24 न्यूज अपडेट, पाली। अरावली पर्वतमाला में रविवार रात से लगातार हो रही तेज बारिश के चलते परशुराम महादेव कुण्डधाम का झरना पूरी शक्ति और वेग से बहने लगा है। इससे जहां धार्मिक स्थल पर प्रकृति का सौंदर्य अपने चरम पर है, वहीं पर्यावरण और क्षेत्रीय जल स्रोतों के लिए भी यह सुखद संकेत है। झरने के पुनः सक्रिय होने से राजपुरा बांध में जलस्तर में भी वृद्धि देखी गई है।
कुण्डधाम की जलधारा से राजपुरा बांध को मिली नई ऊर्जा
परशुराम महादेव की गुफा के पास स्थित यह झरना आमतौर पर मानसून के दौरान ही सक्रिय होता है। इस बार भारी वर्षा से झरना पूरे वेग से बहने लगा है। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के अनुसार, वर्षों बाद इतना प्रभावशाली बहाव देखने को मिला है। झरने का जल प्रवाह पास ही स्थित राजपुरा बांध की ओर जाता है, जिससे उसकी भराव क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। राजपुरा बांध न केवल खेती के लिए सहायक है, बल्कि क्षेत्र की जल आपूर्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नलवाणिया बांध हुआ ओवरफ्लो, रणकपुर भी लगभग लबालब
इसी क्रम में, सादड़ी क्षेत्र का प्रमुख नलवाणिया बांध सोमवार सुबह ओवरफ्लो हो गया। 54 मीटर लंबी दीवार पर पानी की चादर बहती देख लोग आनंदित हो उठे। 1979 में निर्मित यह बांध कस्बे की 30 हजार की आबादी को पेयजल आपूर्ति करता है। इसकी कुल भराव क्षमता 31 फीट है, जो अब पूरी तरह भर चुकी है। वहीं, रणकपुर जैन मंदिर के पास स्थित रणकपुर बांध का जलस्तर भी सोमवार सुबह 60 फीट तक पहुंच गया, जबकि इसकी भराव क्षमता 62.70 फीट है। धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण परशुराम महादेव कुण्डधाम में झरने का बहना न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का विषय है, बल्कि यह क्षेत्र की पारिस्थितिकी और जल-संरचना के लिए भी शुभ संकेत है।
परशुराम महादेव कुण्डधाम का झरना पूरे वेग से चला, रणकपुर बांध भी छलकने को आतुर

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