24 News Update उदयपुर। राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक विधि महाविद्यालय एवं कन्या महाविद्यालय परिसर में शुक्रवार को डांडिया महोत्सव का आयोजन हुआ। छात्र-छात्राओं की ओर से आयोजित इस भव्य समारोह का शुभारंभ कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने माताजी की पूजा-अर्चना कर किया। इस अवसर पर डाॅ. कला मुणेत, डाॅ. अपर्णा श्रीवास्तव, डाॅ. सरोज गर्ग और प्रो. आई.जे. माथुर भी मंच पर उपस्थित रहे।
पारंपरिक वेशभूषा और उमंग से सजा डांडिया
महोत्सव में छात्र-छात्राओं के साथ संकाय सदस्य भी पारंपरिक परिधान में नजर आए। सभी ने गुजराती और राजस्थानी गीतों पर देर तक गरबा और डांडिया कर उत्सव का आनंद लिया। आयोजन स्थल पर उत्साह और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला।
श्रेष्ठ प्रतिभागियों का हुआ सम्मान
कार्यक्रम में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
अपने उद्बोधन में प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि “नवरात्र के नौ दिन शक्ति अर्जित करने और आत्मबल को मजबूत करने के दिन हैं। भारतीय संस्कृति और परम्पराएँ अद्भुत हैं और आज पूरा विश्व इसकी ओर आकर्षित है। युवाओं की जिम्मेदारी है कि वे इस धरोहर को आने वाली पीढ़ियों तक संरक्षित कर पहुँचाएँ।”
उन्होंने कहा कि हर त्यौहार को उत्सव की भावना से मनाना चाहिए, लेकिन साथ ही ध्यान रहे कि किसी की भावनाएँ आहत न हों। गरबा और डांडिया जैसे पारंपरिक नृत्य केवल मनोरंजन ही नहीं बल्कि अच्छाई पर बुराई की विजय और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक हैं। महोत्सव में उपस्थित छात्र-छात्राओं ने कहा कि यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है बल्कि इसमें नृत्य, गीत और भक्ति का अद्भुत मेल देखने को मिला।
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