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पुलिस कॉन्स्टेबल की हत्या का मुख्य आरोपी कोर्ट में सरेंडर,डंपर से कुचलकर हत्या के 15 दिन बाद आत्मसमर्पण, 20 हजार का था इनाम

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24 News Update जोधपुर. जोधपुर जिले के लूणी थाना क्षेत्र में अवैध बजरी खनन के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पुलिस कॉन्स्टेबल सुनील खिलेरी की डंपर से कुचलकर हत्या के मामले में मुख्य आरोपी डंपर चालक राणाराम ने सोमवार को जोधपुर की एक कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया।

जिसे कोर्ट ने अग्रिम जांच के लिए पुलिस के हवाले कर दिया। इससे पहले पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 20 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। इस मामले में पुलिस द्वारा एक सरपंच पति समेत चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

दरअसल, 25 मई की सुबह लूणी थाना पुलिस की टीम को खेजड़ली कला इलाके में अवैध बजरी खनन की सूचना मिली थी। टीम मौके पर पहुंची तो सरपंच पति हापुराम और उसके साथी जेसीबी से बजरी डंपर में भरवा रहे थे। पुलिस को देखकर डंपर चालक राणाराम डंपर लेकर भाग निकला। पुलिस ने डंपर का पीछा किया। इसी दौरान सफेद कार में सवार रविंद्र गोदारा ने पुलिस को धमकी दी कि डंपर का पीछा न करें, लेकिन पुलिस ने पीछा जारी रखा।

गुलजी की प्याऊ के पास कच्ची सड़क पर पहुंचकर बदमाश राणाराम डंपर में भरी बजरी खाली करने लगा। उसके रुकते ही कॉन्स्टेबल सुनील खिलेरी ने डंपर को पकड़ने की कोशिश की। तभी चालक राणाराम ने डंपर को तेजी से टर्न लिया और कॉन्स्टेबल सुनील खिलेरी को कुचल दिया। डंपर का पिछला पहिया उनके पेट और पैरों के ऊपर से गुजर गया। गंभीर रूप से घायल सुनील को तत्काल एमडीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां तीन दिन तक इलाज के बाद 27 मई की रात उनकी मौत हो गई। तब पुलिस ने मामले में हत्या की धारा जोड़कर शेष आरोपियों की तलाश में छापेमारी अभियान चला रखा था।

सरपंच पति सहित चार को किया था गिरफ्तार घटना के बाद हरकत में आई पुलिस ने सरपंच पति हापुराम बिश्नोई, रविंद्र गोदारा, सागर सैन और महेंद्र डूडी को गिरफ्तार किया। इन सभी को कोर्ट में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया गया। इसके साथ ही पुलिस ने मौके से एक जेसीबी मशीन और 1240 टन अवैध बजरी का स्टॉक भी जब्त किया। इसके बाद से बदमाश राणाराम की तलाश में पुलिस लगातार संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी, लेकिन वो बचता फिरता रहा।

क्षेत्र और पुलिस महकमे में भी था आक्रोश कॉन्स्टेबल सुनील खिलेरी की मौत से पूरे पुलिस महकमे और क्षेत्र में आक्रोश था। पुलिस की ओर से दिवंगत कॉन्स्टेबल सुनील को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई। उनके परिवार में माता-पिता, दो भाई और एक बेटा-बेटी हैं। सुनील 2013 में पुलिस में भर्ती हुए थे और उनके एक भाई भी पुलिस में कार्यरत हैं।

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