24 न्यूज अपडेट, झालावाड़। 25 जुलाई को झालावाड़ जिले के मनोहरथाना ब्लॉक के पिपलोदी गांव स्थित एक सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का हिस्सा गिर गया, जिसमें 21 छात्र घायल हुए और 7 मासूमों की दर्दनाक मौत हो गई। शनिवार सुबह छह बच्चों के शव पिपलोदी व एक का शव चांदपुर भीलन पहुंचाया गया। भाई-बहन कान्हा और मीना का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर हुआ, जिसने पूरे गांव को भावविह्वल कर दिया।
सरकार की घोषणा: परिजनों को 10 लाख की सहायता और नौकरी, कक्षाएं बच्चों के नाम पर
राज्य सरकार ने मृतक बच्चों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक परिजन को संविदा पर नौकरी देने की घोषणा की है। साथ ही नए बनने वाले कक्षा कक्षों का नाम इन दिवंगत छात्रों के नाम पर रखने का निर्णय भी किया गया है।
शिक्षा मंत्री का बयान: जिम्मेदार मैं हूं, कार्रवाई शुरू
शिक्षा व पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने झालावाड़ के एसआरजी हॉस्पिटल में घायलों से मुलाकात की और हादसे की जिम्मेदारी स्वीकारते हुए कहा, “जिम्मेदार मैं ही हूं।” शिक्षा विभाग ने स्कूल की प्रधानाध्यापिका सहित 5 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शनिवार को पिपलोदी पहुंचीं और शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की। एक पीड़ित महिला राजे की गोद में सिर रखकर रोने लगी। राजे ने ढांढस बंधाते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। वे सांसद बेटे दुष्यंत सिंह के साथ गांव पहुंचीं।
धरना, पथराव और पुलिसकर्मी घायल
हादसे के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने मनोहरथाना के बुराड़ी चौराहे पर धरना दिया। शुक्रवार शाम को पुलिस पर पथराव किया गया जिसमें जावर थाने के ड्राइवर नरेंद्र सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी पीठ में लाठी से चोट आई और वे एसआरजी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। दो अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए और तीन-चार गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। पूर्व खनन व गोपालन मंत्री प्रमोद भैया जैन ने कहा कि बच्चों का अंतिम संस्कार जल्दबाजी में कराना अमानवीय था। परिजनों को रिश्तेदारों के आने तक इंतजार नहीं करने दिया गया। उन्होंने मांग की कि मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ और घायलों को 10-10 लाख रुपये की सहायता दी जाए, जैसा कि अन्य हादसों (जैसे विमान दुर्घटना) में दिया जाता है।
नागौर: फिर गिरी स्कूल की छत, सौभाग्य से कोई हताहत नहीं
26 जुलाई को नागौर जिले के डेगाना विधानसभा क्षेत्र स्थित खारियावास (राजकीय प्राथमिक विद्यालय खारिया की ढाणी) में स्कूल की छत गिर गई। गनीमत रही कि उस समय स्कूल में बच्चे मौजूद नहीं थे, वरना एक और बड़ा हादसा हो सकता था।
माउंट आबू: छत का प्लास्टर गिरा, बच्चे बाल-बाल बचे
सिरोही जिले के माउंट आबू क्षेत्र स्थित पांडूरी गांव के बंजाराफली प्राथमिक स्कूल में शनिवार सुबह बरामदे की छत का प्लास्टर गिर गया। सौभाग्य से वहां कोई छात्र मौजूद नहीं था। स्कूल की दो कक्षाएं पहले से ही जर्जर थीं और अब बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र व बरामदे में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है।
उदयपुर में बच्चों ने स्कूल पर जड़ा ताला, 85 छात्र धरने पर
उदयपुर जिले के भीमल गांव के चारणान सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय की हालत गंभीर रूप से जर्जर है। शनिवार को 85 छात्रों ने स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया और स्कूल के बाहर बैठ गए। अभिभावकों का कहना है कि तीन सालों से लगातार जनप्रतिनिधियों को शिकायत दी जा रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
कोटा: जर्जर स्कूल में ताला, कक्षाएं मैदान में लग रहीं
कोटा जिले के सुल्तानपुर ब्लॉक स्थित मेहंदी गांव में भी ग्रामीणों ने स्कूल भवन की दुर्दशा को लेकर ताला जड़ दिया। स्कूल में केवल दो कमरे हैं, जिनमें एक में मिड-डे मील बनता है और दूसरे में पढ़ाई होती है। बाकी कक्षाएं खुले मैदान में लगाई जा रही हैं। विद्यालय में 71 छात्रों का नामांकन है, जिसमें अधिकांश छात्राएं हैं। शौचालय तक की सुविधा नहीं है।
सवाई माधोपुर: स्कूल की हालत देख कर गुस्साए ग्रामीण, सड़क जाम
रामनगर गांव (खंडार तहसील) के राजकीय विद्यालय की छत टपक रही है और दीवारों में सीलन है। शनिवार को ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला लगाकर सड़क पर बच्चों के साथ धरना दिया और सवाई माधोपुर–क्वालजी मार्ग को चार घंटे तक जाम रखा। स्कूल भवन की मरम्मत की मांग को लेकर प्रशासन को बार-बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

