24 News Update उदयपुर। झालावाड़ जिले के मनोहरथाना ब्लॉक स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पीपलोदी में विद्यालय भवन का एक हिस्सा गिरने से हुई मासूम विद्यार्थियों की दर्दनाक मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। इस हृदयविदारक घटना को लेकर राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे व्यवस्थागत विफलता करार दिया है। प्रदेशाध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने जताया शोक, उठाई उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। चौहान ने कहा कि यह हादसा न केवल प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है, बल्कि भवन निर्माण में प्रयुक्त घटिया सामग्री और लचर मॉनिटरिंग व्यवस्था की भी पोल खोलता है। चौहान ने घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कर दोषी कार्यकारी एजेंसी, संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
“राज्य के कई स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं और कभी भी ऐसे हादसे दोहराए जा सकते हैं। सरकार को चाहिए कि वह प्रदेश के सभी जर्जर भवनों की तत्काल मरम्मत के लिए एकमुश्त विशेष बजट जारी करे, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
संरचनात्मक ऑडिट, वैकल्पिक व्यवस्था, मुआवजा और नौकरी की मांग
संघ के प्रदेश महामंत्री गोपाल मीणा ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि वह सभी सरकारी विद्यालयों की संरचनात्मक सुरक्षा की तत्काल जांच कराए। जो भवन जर्जर या असुरक्षित हैं, वहां शिक्षण कार्य तत्काल बंद कर वैकल्पिक और सुरक्षित स्थानों पर कक्षाएं संचालित की जाएं। वहीं प्रदेश प्रवक्ता राहुल सिंह गुर्जर ने मांग की कि इस हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इसके अलावा घायल बच्चों का समुचित और निःशुल्क इलाज सरकार सुनिश्चित करे, तथा उन्हें 10 लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की जाए।
गुर्जर ने कहा, “यह हादसा केवल एक इमारत के गिरने का मामला नहीं है, यह शिक्षा व्यवस्था की जर्जर मानसिकता और सरकारी लापरवाही का परिणाम है।
उदयपुर जिले में भी हैं जर्जर स्कूल
उदयपुर जिले में भी जर्जर स्कूलों की कोई कमीनहीं है। झाड़ोल व कोटड़ा ब्लॉक में तो इसकी भरमार सी है लेकिन प्रशासन के पास इन्हें सुधारने का समय नहीं है। ये स्कूल भी गिरने या इनका एक हिस्सा गिरने की कगार पर है।
प्राथमिक विद्यालय , ओबरा देवला

