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लौट के बुद्धु जीएसटी उत्सव को आए : सरस का यू-टर्न, 12 घंटे में फिर घटाए घी के बढ़े हुए दाम

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24 News Update जयपुर। राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (RCDF) ने सरस घी की कीमतों में सिर्फ 12 घंटे में ही यू-टर्न ले लिया। सोमवार रात जारी आदेश में सरस घी के दाम 30 रुपए प्रति लीटर बढ़ाए गए थे, लेकिन मंगलवार सुबह ही यह फैसला वापस ले लिया गया।
जानकारी के अनुसार, फेडरेशन ने करीब एक माह पहले ही जीएसटी में कटौती के बाद घी के दामों में 37 रुपए तक की कमी की थी। इसके बाद अचानक सोमवार को फिर से दरें बढ़ा दी गईं। हालांकि, तेज़ विरोध और बाजार में भ्रम की स्थिति के बाद आदेश को वापस लेते हुए पुरानी दरें बहाल कर दी गईं।

केंद्र सरकार ने घटाई थी डेयरी उत्पादों पर जीएसटी
केंद्र सरकार ने 22 सितंबर को दूध से बने उत्पादों पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% कर दी थी। वहीं जिन उत्पादों पर पहले 5% जीएसटी लागू था, उन्हें शून्य प्रतिशत कर श्रेणी में रखा गया था।
सरस घी, जो 21 सितंबर तक 588 रुपए प्रति लीटर में बिक रहा था, वह जीएसटी घटने के बाद 551 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया था।

जनता को राहत नहीं, कंपनियों ने खुद बढ़ाया मुनाफा
केंद्र सरकार ने इसे “जीएसटी उत्सव” के रूप में प्रचारित करते हुए कहा था कि इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। लेकिन ज़मीन पर हालात उलटे रहे — उत्पादक कंपनियों ने कर में मिली राहत का लाभ आमजन तक पहुंचाने की बजाय अपने मुनाफे में जोड़ लिया।
तेल, साबुन, नमकीन, बिस्किट, पनीर और घी जैसे उत्पादों के दाम कंपनियों ने धीरे-धीरे फिर से बढ़ा दिए।
उपभोक्ताओं में नाराज़गी, पारदर्शिता पर सवाल
सरस जैसे सरकारी सहकारी ब्रांड से उपभोक्ताओं को भरोसा रहता है, ऐसे में महज़ 12 घंटे में कीमत बढ़ाना और फिर घटा देना, दोनों ही फैसले सवाल खड़े करते हैं। उपभोक्ताओं ने इसे “भ्रम फैलाने वाला कदम” बताया है और मांग की है कि मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता रखी जाए।

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