रिपोर्ट – राहुल पाटीदार कानोड

24 News Update Udaipur. चौबीसा समाज द्वारा आयोजित नृसिंहेश्वर महादेव शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के निमित्त शिव पुराण कथा के तीसरे दिन कथावाचक धर्मेंद्र शास्त्री ने श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भक्त का विश्वास हमेशा जीतता है उस विश्वास के पीछे ठाकुर जी की भक्ति है ,निश्चिंत होकर अपना सबकुछ ठाकुर जी के भरोसे छोड अच्छे काम करो ,भगवान आपका काम कभी न बिगड़ने देगा । कथावाचक ने कहा कि कान्हा नगरी तो धन्य है यहां गोपाल साक्षात विराजे है तभी तो भक्त अपने गोपाल जी को विश्वास से कहता है ” काम बिगड़ा तो तेरा ओर सुधरा तो मेरा ” ओर ठाकुर जी अपने भक्त का काम कभी नहीं बिगड़ने देते ,यही विश्वास की जीत है । कथा को आगे बढाते हुए कथावाचक ने कहा कि ब्रह्मा ओर विष्णु ने पहली बार शिवलिंग की पूजा की , वही रात शिवरात्रि हो गई ओर जिस शिव रात्रि पर भक्त शिवलिंग की पूजा करता है उसे वर्षों पूजा का फल मिलता है । कथा को आगे बढाते हुए देवर्षि नारद का जिक्र करते हुए कहा कि नारद जब शिलनिधि की कन्या पर मोहित हो गए ओर जब कन्या ने वानर मुख नारद का वरण नहीं किया तब क्रोधित नारद ने भगवान को श्राप दिया कि जीवन भर आपको पत्नी के लिए वन वन भटकना पडेगा ओर यही वानर सेना आपकी सहायता करेगी। कथावाचक ने कहा कि अंहकार बूरा होता है चाहे रूप का हो या धन का , अहं पाप का द्वार है ओर शिव पूराण अंहकार नष्ट करती है इसलिए शिव पुराण कथा का श्रवण करना चाहिए।
संत के संग लाग रे ……, शिव ताण्डव स्तोत्र, गोपाल वृन्दावन में .. गीतों पर भक्तों ने खूब ढुमके लगाए।
तीसरे दिन की कथा में शिव पार्वती प्रसंग की जिक्र करते हुए कहा कि सती का दक्ष हवन कुण्ड में जलने के बाद राजा हिमाचल ओर मैना के घर पार्वती का जन्म हुआ ओर पार्वती ने तपस्या कर शिव को वर के रूप में पा लिया । शिव पार्वती विवाह पर सुन्दर झांकी भी बनाई गई।
प्रतिमाओं का अन्नावास
शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के निमित्त चल रहे महारूद्र यज्ञ में तीसरे दिन इक्कीस हजार मंत्र आहुति के साथ शिव परिवार की प्रतिमाओं का अन्नावास किया गया । सहायक आचार्य राजेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि प्रतिमाओं को जल ,अन्न आदि में एक दिन का वास करवाया जाता है जिससे प्रतिमा प्राण तत्व युक्त होती है ।
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