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श्रीनाथजी मंदिर में सावन-भादों का मनोरथ: रिमझिम फुहारों और फूलों के बंगले में हुए प्रभु के अलौकिक दर्शन

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मोतीमहल चौक में श्रद्धालुओं ने किया श्रीनाथजी के विहंगम स्वरूप का अवलोकन, विशेष फव्वारे बने आकर्षण

24 News Update नाथद्वारा/राजसमंद।
वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर में शनिवार को सावन-भादों के विशेष मनोरथ के अंतर्गत भक्तों को प्रभु के अलौकिक दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मोतीमहल चौक में आयोजित इस सेवा में श्री नवनीतप्रिया जी को फूलों से सजे भव्य बंगले में विराजित किया गया, जहां कृत्रिम रिमझिम फुहारों के मध्य प्रभु की अनुपम झांकी के दर्शन हुए।
सांयकालीन सेवा में प्रभु को रजत सिंहासन पर विराजमान कर फूलपत्तियों से सजाया गया। वातावरण में छिड़काव हेतु ऊपर और नीचे दोनों ओर से फव्वारों की विशेष व्यवस्था की गई थी, जिससे सावन-भादों की सुहावनी वर्षा का सजीव अनुभव हुआ। भक्तों ने इस अनुपम दृश्य के बीच भीगते हुए प्रभु के दर्शन कर भावविभोर हो गए।
विशेष सेवा में तिलकायत परिवार की सहभागिता
इस भव्य मनोरथ सेवा में तिलकायत परिवार भी उपस्थित रहा। युवाचार्य चिरंजीव श्री विशाल बावा ने स्वयं अपने करकमलों से प्रभु को लाड़ लड़ाया और आरती उतारी। इस सेवा के दौरान श्रीनाथजी के मुखारविंद पर सजीवता और दिव्यता देखते ही बन रही थी।
मोतीमहल चौक में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
इस मनोरथ के लिए मोतीमहल चौक को भव्य रूप से सजाया गया था। शाम करीब साढ़े सात बजे तक चले इस कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए और प्रभु के अनुपम स्वरूप का दर्शन लाभ लिया। झांकी के दौरान कृत्रिम बूंदाबांदी और फव्वारों की छटा श्रद्धालुओं के मन में वर्षा ऋतु की शीतल अनुभूति के साथ भक्ति का संचार कर रही थी। सावन-भादों के इस विशेष अवसर पर नाथद्वारा में श्रद्धा, सेवा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला।

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