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श्रीनाथजी मंदिर में ज्येष्ठाभिषेक स्नान संपन्न: अलौकिक श्रृंगार व सवा लाख आम का भोग अर्पित, वेदोक्त मंत्रों के साथ हुआ स्नान, दर्शनार्थियों ने लिया प्रसाद

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24 News Update राजसमंद। पुष्टिमार्ग की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा में बुधवार को भगवान श्रीनाथजी का भव्य ज्येष्ठाभिषेक स्नान विधिपूर्वक सम्पन्न हुआ। तिलकायत राकेश महाराज एवं युवाचार्य विशाल बावा के सान्निध्य में यह दिव्य अनुष्ठान संपन्न हुआ, जिसमें वेदोक्त विधियों के साथ श्रीजी प्रभु को केसर, चंदन, गुलाब जल, तुलसी पत्र, सुगंधित पुष्पों एवं अधिवासित जल से स्नान कराया गया।

वेदोक्त मंत्रों की गूंज और अलौकिक श्रृंगार
स्नान यात्रा के अवसर पर वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा पुरुष सूक्त के मंत्रों का पाठ किया गया। इसके पश्चात श्रीजी प्रभु को अत्यंत मनोहारी अलौकिक श्रृंगार धराया गया, जिससे श्रीनाथजी का दरबार अलौकिक दिव्यता से जगमगा उठा। मंदिर परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं ने इस दिव्य दृश्य का दर्शन कर आत्मिक संतोष प्राप्त किया।

सवा लाख आम का भोग अर्पण
ज्येष्ठ ऋतु के इस पर्व पर श्रीनाथजी को सवा लाख आमों का भोग अर्पित किया गया। युवाचार्य विशाल बावा ने बताया कि श्रीजी प्रभु को पुष्टि सृष्टि के राजाधिराज स्वरूप स्नान कराया जाता है, जो राज्याभिषेक के भाव से जुड़ा हुआ होता है। पुष्टिमार्गीय परंपरा के अनुसार श्रीनाथजी को ब्रजराज कुमार एवं नंदालय भाव से शीतल जल से स्नान कराया जाता है। यह जलक्रीड़ा का भाव दर्शाता है जिसमें गोपियां सख्य भाव से प्रभु पर जल छिड़कती हैं।
विशाल बावा ने बताया कि यही भाव शंख से जल छिड़काव के माध्यम से तिलकायत द्वारा निभाया जाता है, जिससे समस्त पुष्टि सृष्टि को शीतलता व आनंद की अनुभूति होती है। आमों का भोग भी इसी भाव से अर्पित किया जाता है ताकि श्रीजी का प्रसाद समस्त श्रद्धालुओं को प्राप्त हो।

वैष्णवों ने लिया पुण्य लाभ, जल व आम का प्रसाद किया ग्रहण
इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में देशभर से आए वैष्णवों ने भगवान श्रीनाथजी के ज्येष्ठाभिषेक स्नान व दर्शन का लाभ लिया। भक्तों ने स्नान के जल और आम का प्रसाद अपने साथ ले जाकर शुभता की अनुभूति प्राप्त की। मंदिर परिसर में भक्ति, श्रद्धा और उल्लास का वातावरण व्याप्त रहा।

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