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जर्जर मकान के मलबे का ‘‘दूरदर्शन’’ कर चली गई नगर निगम की लापरवाह टीम, राजभोईवाड़ा के लोग परेशान, रास्ता रूका, कौन हटाएगा मलबा????

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24 News Update उदयपुर, शहर के बीचोंबीच राजभोईवाड़ा इलाके में नगर निगम की लापरवाही ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले यहां एक जर्जर मकान अचानक गिर पड़ा और उसका पूरा मलबा रोड पर आ गया। हैरानी की बात यह है कि इस मकान का एक हिस्सा पहले ही पांच दिन पहले गिर चुका था, जिसकी सूचना निगम को दी गई थी। लेकिन निगम का अमला मौके पर आकर केवल मलबे का “दूरदर्शन“ करके चला गया। मलबा हटवाने या रास्ता खुलवाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई। नतीजतन पूरा रास्ता अब तक बंद पड़ा है और लोग रोजाना भारी परेशानी झेल रहे हैं।
जिला कलेक्टर हर बैठक में साफ निर्देश देते हैं कि शहर के जर्जर मकानों का सर्वे करवा कर उन्हें खाली करवाया जाए और मलबा तुरंत हटाया जाए। लेकिन नगर निगम इन आदेशों को लेकर केवल कागजों में ही “यस सर“ और काम का जिक्र करते रहो, फिक्र करते रहो वाला खेल खेलता नजर आ रहा है। राजभोईवाड़ा के लोग गुस्से में हैं और कह रहे हैं कि निगम का दस्ता आया, देखा और चला गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। मोहल्लेवासी निगम में फोन कर-करके थक चुके हैं, लेकिन कोई अधिकारी सुनवाई तक नहीं कर रहा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस मकान का मलबा रोड पर अटका हुआ है, उसका कोई वारिस भी सामने नहीं आ रहा। इससे भी बड़ी चिंता यह है कि इसी मकान के पास एक झोपड़ी बनी हुई है, जो किसी भी समय ढह सकती है। इलाके में छोटे-छोटे बच्चे स्कूल आने-जाने के दौरान इस खतरनाक स्थिति से गुजरते हैं। माता-पिता बच्चों को बाहर खेलने तक नहीं भेज पा रहे, क्योंकि हर वक्त यह डर बना हुआ है कि कहीं अचानक दीवार गिर न जाए।
शुक्रवार की तेज बरसात ने मलबे को और गीला कर दिया, जिससे गिरने का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। इलाके से महज 200 मीटर की दूरी पर ज्ञान मंदिर स्कूल स्थित है, जहां रोजाना सैकड़ों बच्चे आते-जाते हैं। रास्ता जाम होने से न केवल आवाजाही मुश्किल हो गई है बल्कि मलबे से उठती गंदगी और बदबू ने भी लोगों का जीना दूभर कर दिया है।
मोहल्ले वालों ने जिला कलेक्टर और नगर निगम से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द मलबा हटवा कर राहत दी जाए। लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

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