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खास खबर : शक्तिनगर बोटलनेक मामले में मुआवजा 32 से बढ़ाकर किया 45 लाख

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24 न्यूज अपडेट
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रिपोर्ट-सुशील जैन
24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। शक्तिनगर बोटलनेक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है कि जिनके मकान टूट रहे हैं उनसे अगले दौर की वार्ता के बाद जिला प्रशासन ने मुआवजा बढा दिया हैं। अब मुआवजे की राशि 32 लाख रूपए से बढ़ाकर 45 लाख रूपए कर दी गई है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि नगर निगम की ओर से पहले 45 लाख की मुआवजा राशि तय की गई थी मगर बाद में उसे घटा कर 23 लाख कर दिया गया था जिसका वे लम्बे अरसे से विरोध कर रहे थे। होली के बाद जब मकान मालिकों ने अपना पक्ष रखते हुए नगर निगम उप महापौर को बताया कि मुआवजा पहले से तय कर दिया गया है मगर कम कर दिया गया हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मीटिंग में अपना पक्ष रखें। अधिकारियों से चर्चा में मकान मालिकों ने अपनी बात रखी तो प्रशासन पूरा मुआवजा 45 लाख रूपए देने पर राजी हो गया मगर एक शर्त रखी गई कि बेटलनेक की जद में आने वाले मकान के हिस्से को उन्हें अपने संसाधनों से हटाना होगा। इस पर दोनों पक्ष राजी हो गए व आज शक्तिनगर बोटलनेक के दोनों सिरों पर यातायात रोक कर मकानों के हिस्सों को अपने स्तर पर गिराने का उपक्रम शुरू कर दिया। कईयों ने सामान को शिफ्ट कर दिया। मकान के एक हिस्से की कटिंग के काम के लिए मकान मालिकों ने अपने स्तर पर ठेकेदार बुलाए हैं। बताया गया कि कटिंग से लेकर मलबे के ढेर तक का काम मकान मालिकों द्वारा किया जाएगा, उसके बाद नगर निगम अपने संसाधनों से मलबा हटाएगा। बताया गया कि मकानों के कॉलम आने से रोड की चौड़ाई घटा कर तीस फीट कर दी गई। आपको बता दें कि पिछले महीने बोटल नेक खोलने की कार्रवाई नगर निगम की ओर से एक हिस्से को ढाह कर की गई थी जिसके बाद सभी प्रभावित मकान मालिकों ने होली के बाद तक का समय मांगा था। ये लोग यहां पर :60 साल से रह रहे हैं। आज इस कार्रवाई को देखने के लिए आए विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि बोटलनेक पर निर्माण के हटते ही सड़क बनाने का काम शुरू हो जाएगा और आगे यातायात को सुचारू करने के लिए रास्ते के सामने आ रहे डिवाइडर को हटा दिया जाएगा। बिजली की लाइन भी शिफ्ट की जाएगी।
चार मकानों से तोड़ना शुरू किया
इधर रहवासियों ने कहा कि टाउन हाल की तरफ आज चार मकानों में तोडफोड अपने ही स्तर पर आरंभ की है। कटिंग मशीन से जहां जहां पर निशान लगे हैं उन लाल निशानों के सहारे कटिंग की जा रही है। इससे ज्यादा नुकसान नहीं होगा। शुरूआत मकान नंबर 83 से की गई जहां पर चार भाइयों का निवास है। इसका फ्रंट तोडा जा रहा है। कटर से कटिंग करके इसको ब्रेकर से गिरा दिया जाएगा। कान्टेक्टर उनके अपने हायर किए हुए हैं ताकि काम बहुत ही सावधानी से हो सके। लोगों का कहना है कि यदि यही काम नगर निगम करवाती तो जेसीबी चला कर चले जाते। कुछ मकानों में अभी डिस्प्यूट बताया जा रहा है जो दो चार दिन में हल हो जाएगा। नगर निगम ने 15 दिन पहले 1 तारीख को पजेशन देने की समय सीमा तय की है जो कुछ दिन आगे या पीछे हो सकती है। प्रभावितों को सेक्टर 11 में और नगर निगम की जमीन पर कुछ हिस्सा दिया गया है।
बड़ा सवाल, क्या बोटलनेक हटेगा या नया बन जाएगा
इस कार्रवाई के बाद एक बड़ा सवाल जो सबकी जुबां पर है वो यह है कि क्या यहां से बोटलनेक हटते ही नई समस्या खडी नहीं हो जाएगी। अभी पूरे शक्तिनगर में रोड के बीच में कब्जा है व यहां पर पार्किंग होती है। इस पार्किंग को यातायात विभाग का अब तक चला कोई भी अभियान नहीं हटा सका। यहां तक कि अतिक्रमण पूरे शहर में हटे मगर यहां पर आंच नहीं आई। ऐसे में यहां से ट्रेफिक स्मूदली निकालना बहुत बडा चैलेंज होगा। क्योकि यहां सीधा रास्ता नहीं है बल्कि टर्न है और रॉन्ग साइड से आने वाले सीधे शक्तिनगर के रास्ते से आगे कैसे बढ़ेंगे यह भी देखने वाली बात होगी। यह नगर निगम के इंजीनियरों की फौज के लिए एक नया चैलेंज हैं। इसके अलावा इस रास्ते से आने वाले ट्रैफिक को आगे भी मैनेज करना होगा। इस बारे में अभी से कार्य योजना को बना कर जनता की अदालत में पेश करनी होगी ताकि उस पर जनता के भी एक्सपर्ट कमेंट मिल सकें।

यहां मिल रही है जगह

नगर निगम की ओर से प्रभावित लोगों को इस कॉर्नर पर निगम की जमीन पर जगह दी जा रही है। मास्टर प्लान में यह जमीन सरकारी एवं अर्ध सरकारी कार्यालयों के लिए आरक्षित है।

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