24newsupdate उदयपुर, शुक्रवार को प्रातःकाल जैसे ही समाचार मिले कि मौसी जी श्याम लीन हो गई, श्याम जगत मे जबरदस्त शोक लहर छा गई। श्री श्याम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष शशिकांत खेतान ने बताया कि दुबली पतली इकहरा बदन किन्तु अद्भुत उत्साही हँसमुख श्री मती कमला कांकाणी की श्याम भक्ती का हर कोई दिवाना था। उन्होने 40 वर्षो से अन्न का त्याग कर रखा था। कलियुग की मींरा नाम से विख्यात मौसी जी यो तो कोलकता निवासी थी पर पूरे भारत मे श्याम भक्तो के आना जाना लगा ही रहता। ट्रस्टी अशोक पोद्दार ने बताया कि जहां भी जाती अपने कर कमलो से निर्मित श्याम की अद्भुत सुंदर आकर्षक तस्वीर बनाकर भेंट करती, कीर्तन करती और बड़े बड़े गायक भक्तो को लाड दुलार कर मां जैसी मौसी का एहसास कराती। भजन सम्राट नन्दू भैया जी ने भी गोद का आनन्द पाया है ।पोद्दार के अनुसार 2001-02 मे श्याम बाबा को कोई जानता भी नही था, तब मौसी जी उदयपुर प्रवास मे 4-5 भक्तो से सम्पर्क कर स्वनिर्मित श्याम की तस्वीर भेंटकर संक्षिप्त कीर्तन की ऐसी ज्योत प्रज्वलित की कि आज गली गली मे कीर्तन हो रहे है। तभी से वह तस्वीर दरबार मे बीचोंबीच लगती है। उनका उदयपुर आना जाना लगा रहा है। कुछ वर्ष पूर्व ही आई तब साधारण गायिका केमिता राठौड को भजन गवाकर गोद मे सुलाकर ऐसा दुलार किया कि केमिता भारत मे सुविख्यात हो गई। लाखो भक्तो को अपनी तपस्या साधना से श्याम से जोडने वाली श्याम दिवानी श्याम मे लीन हो गई। असली कमाई अपने साथ ले गई लाखो भक्तो को बांट गई। उदयपुर के सैकड़ो भक्तो ने संवेदना व्यक्त कर श्रृद्धांजलि अर्पित की है।
नही रही श्री श्याम जगत की मौसी, 40वर्षो से अन्न त्यागकर करती रही श्याम और श्याम भक्तो की सेवा

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