24 News Update उदयपुर। पंचायत राज शिक्षक संघ ने उदयपुर जिले में बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को चुनावी कार्य के साथ-साथ जातीय सर्वे जैसे अन्य दायित्वों में प्रगणक के रूप में लगाए जाने का कड़ा विरोध जताया है। सोमवार को संगठन के प्रदेशाध्यक्ष शेर सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर जितेंद्र ओझा को ज्ञापन सौंपकर इन नियुक्ति आदेशों को तत्काल निरस्त करने की मांग की।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के आदेश की अनदेखी का आरोप
प्रदेशाध्यक्ष चौहान ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजस्थान, नवीन महाजन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि राज्य में कार्यरत किसी भी बूथ लेवल अधिकारी को निर्वाचन कार्य के अलावा किसी अन्य कार्य— विशेषकर सर्वे या जनगणना— में प्रगणक के रूप में नियुक्त नहीं किया जाए। लेकिन इन आदेशों को नजरअंदाज करते हुए जिले में बीएलओ को जातीय सर्वे कार्य हेतु नियुक्ति आदेश जारी किए जा रहे हैं, जिससे शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है।
बीएलओ पहले ही निभा रहे अनेक जिम्मेदारियां
चौहान ने कहा कि बीएलओ ने मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण जैसे राष्ट्रीय महत्व के कार्य को समय पर, निष्ठा और गंभीरता के साथ पूरा किया है। इसके साथ ही वे अपने मूल शैक्षणिक कार्यों का भी निर्वहन कर रहे हैं, जिनमें— अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की कॉपियों की जांच व 15 दिसंबर तक शाला दर्पण पर अपलोड, निर्धारित पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करना, बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी और आयोजन,
विद्यालय संबंधी अन्य शैक्षणिक व प्रशासनिक दायित्व—शामिल हैं।
चौहान ने कहा कि अतिरिक्त सर्वे कार्य थोपने से शिक्षकों का मूल कार्य बाधित होगा, जिसका सीधा असर सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य पर पड़ेगा।
आदेश वापस नहीं तो आंदोलन की चेतावनी
संगठन ने मांग की कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी के आदेशों का सम्मान करते हुए बीएलओ को किसी भी सर्वे या प्रगणक कार्य में न लगाया जाए। यदि नियुक्ति आदेश वापस नहीं लिए गए, तो संघ जल्द ही अगली रणनीति तय करेगा। नवीन व्यास, भेरूलाल कलाल, कमलेश शर्मा, प्रेम सिंह भाटी, महेश कुमार वर्मा, सुभाष बिश्नोई, श्याम कुमार मेघवाल, दिनेश नलवाया, आशा खाबिया, केसुलाल चौधरी, ईश्वर मीणा सहित अन्य शिक्षाकर्मी उपस्थित रहे।
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