24 News Update उदयपुर। टाउन हॉल परिसर में आज से तीन दिन तक चलने वाला नेशनल ट्राइबल फूड फेस्टिवल का शुभारंभ हुआ। पहले ही दिन बडी संख्या में स्वाद के कद्रदान उमड़े व विविध प्रकार के भोजना का आनंद लिया। यहां अधिकतम 200 रूपए थाली में किसी भी प्रदेश के भोजन का आनंद लिया जा सकता है। यह आयोजन भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर मनाए जा रहे जनजातीय गौरव वर्ष के अंतर्गत किया जा रहा है।
फेस्टिवल में महाराष्ट्र, केरल, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, बिहार और राजस्थान समेत देशभर की जनजातियां अपने पारंपरिक व्यंजन पेश कर रही हैं। टीआरआई निदेशक ओ.पी. जैन के अनुसार महाराष्ट्र की महादेव कोली जनजाति के मासवडी और डांगर भाकरी, केरल की कुरूलिया व माविलन जनजातियों के मुलायरी पायसम, मध्यप्रदेश की बरेला व बेगा जनजातियों के लाल ज्वारी लड्डू और राजस्थान की भील, मीणा, गरासिया व सहरिया जनजातियों के मक्के का खींचड़ा, महुआ लड्डू और बाजरे का सोगरा प्रमुख आकर्षण रहेंगे।
माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव में देशभर से 100 से अधिक जनजातीय पाक कलाकार भाग ले रहे हैं। प्रवेश निशुल्क है और साथ ही ऑर्गेनिक उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। यह आयोजन जनजातीय संस्कृति और स्वाद का अनूठा अनुभव देने वाला साबित होगा।
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