24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। दुष्कर्म के प्रयास और जान से मारने की धमकी जैसे संगीन आरोपों का सामना कर रहे उदयपुर के चर्चित भाजपा नेता को राजस्थान हाईकोर्ट से आज बहुत बड़ा झटका लगा है। नेता की ओर से एफआईआर क्वैश करने की अर्जी पर सुनवाई के दौरान माननीय हाईकोर्ट ने नेताजी को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। सुनवाई में कोर्ट ने प्रथम दृष्टया मामले को गंभीर मानते हुए फिलहाल राहत देने से साफ इनकार किया है। आरोपी पक्ष के वकील के आग्रह पर अगली सुनवाई अब 11 जुलाई को होगी, जिसमें अदालत केस डायरी का अवलोकन कर निर्णय लेगी।
हाईकोर्ट में सुनवाई, अंतरिम राहत पर रोक
इस पूरे प्रकरण में भाजपा नेता की ओर से अंतरिम राहत के लिए एफआईआर को ही क्वैश करने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी, जिस पर बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता अभिषेक पारीक ने कोर्ट में कहा कि यह स्पष्ट रूप से महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने और जबरन संबंध बनाने का मामला है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि आरोपी को अंतरिम राहत न दी जाए।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और पुलिस की ओर से आज पेश की गई तथ्यात्मक रिपोर्ट देखी। तथ्यात्मक रिपोर्ट को देखने के बाद कोर्ट ने माना कि प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ मामला बनता है और इस स्थिति में अंतरिम राहत नहीं दी जानी चाहिए।
हालांकि, आरोपी पक्ष के वकीलों ने कोर्ट से आग्रह किया कि केस डायरी का अवलोकन कर ही अंतिम निर्णय लिया जाए। इस पर कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 11 जुलाई तय की है, जिस दिन केस डायरी देखकर अंतरिम राहत याचिका पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
घटना से जुड़े दोनों मामले घंटाघर थाना क्षेत्र के हैं। पीड़िता, जो स्वयं भाजपा की सक्रिय महिला नेता हैं, उन्होंने 5 जून को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि एक भाजपा नेता, जो उनके पति का परिचित है, कई महीनों से उन्हें मोबाइल पर आपत्तिजनक संदेश भेज रहा था। धीरे-धीरे वह शारीरिक संबंध के लिए दबाव बनाने लगा। पीड़िता के अनुसार, 5 जून को आरोपी नेता जबरन उनके घर में घुसा और दुष्कर्म का प्रयास किया। पीड़िता के शोर मचाने पर घर के अन्य सदस्य वहां आ पहुंचे, जिससे आरोपी मौके से भाग गया। इसके अगले दिन, 6 जून को पीड़िता के पति ने एक और रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें बताया कि आरोपी की पत्नी और अन्य कुछ लोग उनके घर में घुस आए और गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। यह भी कहा गया कि उन्हें भाजपा नेता ने भेजा है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन आरोपी भाग निकले।
इन दोनों शिकायतों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता पक्ष की ओर से यह आपत्ति जताई गई कि आरोपी को कोई अंतरिम राहत न दी जाए।
पार्टी पर भी आ रही आंच
इस बहुचर्चित मामले में अब पार्टी पर भी सवाल उठने लगे हैं कि पार्टी स्तर पर आखिर दुष्कर्म के आरोप के मामले में क्या निर्णायक व ठोस कार्रवाई की गई। इस मामले में पुलिस की भी कलई तब खुलकर सामने आ गई जब थानाधिकारी पर दबाव और इस्तीफे जैसी बातें सामने आईं। हालांकि बाद में पूरे मामले को आईजी स्तर पर मैनेज कर लिया गया। बताया जा रहा है कि भाजपा में अंदरखाने इस मामले में दो धड़े बन गए है जो एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं। लेकिन कथित अनुशासन और उपरी दबाव के चलते असंतोष अभी सोशल मीडिया तक ही सीमित है। गत दिनों कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे पर व महिला सुरक्षा को लेकर भाजपा पर कई आरोप लगाए गए थे।
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