

24 News Update नई दिल्ली, 27 अक्टूबर। देश में 21 साल बाद फिर से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) शुरू होने जा रहा है। बिहार में प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में यह अभियान 28 अक्टूबर से 7 फरवरी 2026 तक चलेगा। इस दौरान नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे और मतदाता सूची में दर्ज त्रुटियों को सुधारा जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को बताया कि आज रात से ही इन सभी राज्यों की वर्तमान वोटर लिस्ट फ्रीज कर दी जाएगी। इस प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं की पहचान, नागरिकता और पते की पुष्टि की जाएगी ताकि कोई भी अयोग्य व्यक्ति सूची में शामिल न हो और कोई भी योग्य मतदाता छूट न जाए।
किन राज्यों में शुरू होगा SIR
अंडमान निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में यह प्रक्रिया चलेगी। चुनाव आयोग ने बताया कि असम में फिलहाल SIR नहीं होगा क्योंकि वहां नागरिकता से जुड़े नियम और NRC (National Register of Citizens) लागू होने के कारण प्रक्रिया अलग ढंग से चलेगी।
103 दिन चलेगा मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान
SIR के तहत लगभग 51 करोड़ मतदाताओं की सूची की जांच होगी। इस कार्य में 5.33 लाख बीएलओ (BLO) और 7 लाख से अधिक बीएलए (BLA) राजनीतिक दलों की ओर से लगाए जाएंगे। प्रत्येक BLO घर-घर जाकर मतदाताओं से जानकारी मिलाएंगे। यदि किसी मतदाता का नाम दो जगह दर्ज है तो उसे एक जगह से हटाया जाएगा। जिनका नाम सूची में नहीं है, वे फॉर्म भरकर नाम जुड़वा सकेंगे। मतदाता पहचान के लिए आयोग ने कई दस्तावेज मान्य किए हैं, जिनमें शामिल हैं —आधार कार्ड पासपोर्ट जन्म प्रमाणपत्र
10वीं की मार्कशीट पेंशनर पहचान पत्र सरकारी विभाग द्वारा जारी पहचान पत्र जाति प्रमाणपत्र / निवास प्रमाणपत्र वन अधिकार प्रमाणपत्र राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) में नाम
परिवार या भूमि आवंटन रजिस्टर में नाम
क्यों जरूरी है SIR
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा — “देश में आखिरी बार विशेष गहन पुनरीक्षण 21 वर्ष पहले हुआ था। अब समय आ गया है कि सूची को वास्तविकता के अनुरूप अपडेट किया जाए। शहरीकरण और माइग्रेशन के कारण लाखों लोगों के पते बदले हैं। कई जगह एक ही व्यक्ति के नाम दो बार दर्ज हैं, जबकि मृत मतदाताओं के नाम अब भी सूचियों में बने हुए हैं।” आयोग का कहना है कि SIR का मुख्य उद्देश्य है — दोहरे नाम हटाना मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम विलोपित करना विदेशी नागरिकों को सूची से बाहर करना नए 18+ योग्य मतदाताओं को जोड़ना
कब तक चलेगी प्रक्रिया
SIR की पूरी प्रक्रिया 7 फरवरी 2026 तक चलेगी। इस दौरान 31 दिसंबर 2025 तक 18 वर्ष के हो चुके नागरिकों को सूची में शामिल किया जाएगा। BLO द्वारा दिए गए प्री-फिल्ड फॉर्म को वोटर को सत्यापित करना होगा और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होंगे। बिहार देश का पहला राज्य रहा जहां इस वर्ष SIR सफलतापूर्वक पूरा हुआ। राज्य में अंतिम मतदाता सूची में 7.42 करोड़ मतदाता दर्ज हुए हैं जो आगामी 6 और 11 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में वोट डालेंगे। हालांकि बिहार में इस प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों ने ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया को वैध करार दिया।
SIR का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
भारत में 1951 से लेकर 2004 तक SIR की प्रक्रिया नियमित रूप से होती रही, लेकिन इसके बाद 21 साल तक यह नहीं हो सकी। अब आयोग ने इसे दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया है। यह भी तय हुआ है कि भविष्य में हर पांच साल में एक बार यह विशेष पुनरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
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