जयपुर, 20 अक्टूबर। सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल के सीनियर प्रोफेसर और न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल को सोमवार को मेडिकल बोर्ड की सिफारिश पर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें रविवार को पुलिस निगरानी में अस्पताल लाया गया था, जहां विभिन्न चिकित्सीय जांचें की गईं।
हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. मृणाल जोशी ने बताया कि गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर डॉ. अग्रवाल को छुट्टी दी गई है। “उनकी सभी रिपोर्ट्स सामान्य आई हैं, इसलिए उन्हें आगे भर्ती रखने की आवश्यकता नहीं समझी गई,” उन्होंने कहा।
सूत्रों के अनुसार, सोमवार सुबह डॉ. मनीष की सीटी एंजियोग्राफी भी की गई थी, जिसमें कोई गंभीर लक्षण नहीं पाए गए। इसके अलावा रविवार को की गई 2डी इको और ट्रॉप-टी जांच भी नेगेटिव (सामान्य) आई थी।
इस मामले में गठित मेडिकल बोर्ड में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सरिता चौधरी, डॉ. हिमांशु मेहला, जनरल मेडिसिन विभाग से डॉ. श्रीकांत शर्मा, तथा फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. सुमंता दत्ता सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल थे।
रिश्वत मामले में हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि 9 अक्टूबर को एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की टीम ने डॉ. मनीष अग्रवाल को उनके घर पर एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। डॉ. अग्रवाल पर आरोप था कि वे ब्रेन कॉइल सप्लाई करने वाली कंपनी के 12.50 लाख रुपए के बिल पास करने के बदले रिश्वत मांग रहे थे।
एसीबी की कार्रवाई के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग की सिफारिश पर कार्मिक विभाग ने 17 अक्टूबर को डॉ. अग्रवाल को निलंबित कर दिया था। निलंबन अवधि के दौरान उनका हेडक्वार्टर जोधपुर स्थित एस.एन. मेडिकल कॉलेज को निर्धारित किया गया है।
इस प्रकार, घूस प्रकरण में गिरफ्तारी और निलंबन के बाद अब डॉ. मनीष अग्रवाल को चिकित्सकीय रूप से पूर्णतः स्वस्थ घोषित कर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
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