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अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में चयनित शिक्षकों की समस्याओं के निस्तारण को लेकर पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री और निदेशक माध्यमिक शिक्षा को तीन सूत्रीय मांग पत्र भेजा

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24 News Update उदयपुर, 8 जुलाई। राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शेरसिंह चौहान एवं प्रदेश महामंत्री गोपाल मीना ने एक ज्ञापन भेजकर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में चयनित एवं कार्यरत शिक्षकों व कार्मिकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि प्रथम चरण की काउंसलिंग में व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक लेवल-1 और लेवल-2 के लगभग 40 प्रतिशत अर्थात करीब 11 हजार पद रिक्त रह गए हैं। इसका मुख्य कारण एक जिला विकल्प चयन प्रक्रिया रहा, जिसके चलते कई अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी पदस्थापन से वंचित रह गए। संघ ने मांग की है कि इन शेष रहे अभ्यर्थियों को द्वितीय चरण की काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापन का अवसर दिया जाए।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में आयोजित चयन परीक्षा के आधार पर प्राचार्य, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक लेवल-2 (अंग्रेजी, गणित-विज्ञान) व लेवल-1 को ही प्रथम चरण में पदस्थापन दिया गया है जबकि अन्य चयनित नॉन-टीचिंग कार्मिक जैसे कंप्यूटर शिक्षक, वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशक, बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक, प्रयोगशाला सहायक, वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक, लाइब्रेरियन, वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक, शारीरिक शिक्षक ग्रेड तृतीय सहित विषय विशेष के पदों – लेवल-2 हिंदी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान व विशेष शिक्षकों को जिला आवंटन और पदस्थापन से वंचित रखा गया है। जबकि इन सभी ने चयन परीक्षा में न्यूनतम 40% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। संघ ने इसे विभाग की दोहरी नीति बताते हुए न्यायसंगत नहीं माना और इन सभी पदों के लिए भी द्वितीय चरण की प्रक्रिया जल्द शुरू कर पदस्थापन आदेश जारी करने की मांग की है।
इसके अतिरिक्त ज्ञापन में यह चिंता भी जताई गई है कि जिन शिक्षकों का पदस्थापन हुआ है, उन्हें ऑफलाइन कार्यग्रहण कराया गया है, जिससे वेतन भुगतान में विलंब हो सकता है। इससे कार्मिकों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। ऐसे में मांग की गई है कि पहले से अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में कार्यरत हिंदी माध्यम के शिक्षकों की शीघ्र काउंसलिंग कर उन्हें अन्य विद्यालयों में समायोजित किया जाए, ताकि शिक्षण व्यवस्था बाधित न हो और सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल सके।
इस तीन सूत्रीय मांग पत्र को प्रदेश के अन्य पदाधिकारियों – प्रदेश सभाध्यक्ष रामप्रताप मीना, परिवाद समिति अध्यक्ष इंद्राज जाखड़, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रणवीर सिंह यादव, संघर्ष समिति संयोजक जवरीलाल प्रजापत, महिला संयोजिका कृष्णा यादव, कोषाध्यक्ष सतीश जैन एवं प्रवक्ता राहुल सिंह गुर्जर – ने भी समर्थन देते हुए मांगों के शीघ्र समाधान की अपील की है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते मांगें पूरी नहीं की गईं तो शिक्षक वर्ग आंदोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होगा।

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