शादी के 15 दिन बाद घूमने निकले नवविवाहित जोड़े में पति की मौत, बेटी सोनम अब भी लापता; पिता बोले- विदाई का मुहूर्त 5 जून का था, फिर भी शिलांग चले गए
24 News update इंदौर | इंदौर की रहने वाली सोनम रघुवंशी की रहस्यमयी गुमशुदगी और पति राजा रघुवंशी की शिलांग में संदिग्ध हालात में हुई मौत के बाद अब परिवार की उम्मीदें सिर्फ एक चमत्कार पर टिक गई हैं। सोनम के पिता देवीसिंह रघुवंशी ने बेटी की सुरक्षित वापसी के लिए घर के बाहर उसकी “उल्टी तस्वीर” लटका दी है — यह उपाय उन्होंने ज्योतिषी की सलाह पर किया है।
शादी के 15 दिन बाद ही घूमने चले गए थे सोनम और राजा
देवीसिंह ने बताया कि उनकी बेटी सोनम की शादी मई महीने में राजा रघुवंशी से हुई थी। परंपरागत मान्यता के अनुसार, शादी के बाद डेढ़ माह तक नवविवाहित जोड़ा घर से बाहर नहीं जाता, लेकिन बिना बताए दोनों कामाख्या देवी के दर्शन के लिए निकल गए।
“मैंने बेटी और दामाद को मना किया था, लेकिन वे नहीं माने,” – देवीसिंह रघुवंशी।
21 मई की सुबह जब देवीसिंह की नजर बेटे गोविंद पर पड़ी, वह बैग लेकर सोनम को लेने आया था। पूछने पर बताया कि वे दिल्ली होते हुए कामाख्या देवी और फिर शिलांग जा रहे हैं।
मेट्रोमोनियल साइट से जुड़ा रिश्ता, कुंडली भी मिलती थी
देवीसिंह बताते हैं कि राजा और सोनम का रिश्ता मेट्रोमोनियल वेबसाइट के जरिए तय हुआ था। कुंडली में भी सब अनुकूल था।
“हम दिवाली के बाद शादी करना चाहते थे, लेकिन राजा के परिवार के कहने पर जल्दी कर दी।”
शादी के तीन दिन बाद ही राजा सोनम को अपने घर ले गया। 16 मई को दोनों उज्जैन में एक शादी में गए थे — यहीं बाहर घूमने की योजना बनी।
कामाख्या मंदिर से शिलांग तक पहुंचा जोड़ा, फिर गायब
कामाख्या मंदिर में दर्शन के बाद सोनम और राजा शिलांग पहुंचे, जहाँ एक होटल में हुए विवाद के बाद दोनों गायब हो गए।
“होटल के पास चायवाले से कॉफी को लेकर कहासुनी हुई थी, और वह चायवाला भी अब गायब है,” – देवीसिंह।
राजा का शव शिलांग के पहाड़ी इलाके में मिला, लेकिन सोनम का अब तक कुछ पता नहीं चला है।
“अब चमत्कार ही ला सकता है मेरी बेटी को वापस”
सोनम के पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से CBI जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि शिलांग पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
“अब तो कोई चमत्कार ही उसे वापस ला सकता है। हमने बेटी की उल्टी तस्वीर घर के बाहर लटकाई है, ताकि वह सुरक्षित लौट आए।”
बेटी की विदाई का शुभ मुहूर्त 5 जून का था
पंडित से निकाली गई कुंडली के अनुसार सोनम की विदाई के लिए 5 जून का मुहूर्त था, लेकिन उससे पहले ही वह ससुराल से निकल गई।
“शादी के बाद बेटी को घर ले आए थे, लेकिन राजा ने जल्दी विदाई कर दी।”
सोनम का भतीजा अब भी इंतजार करता है
देवीसिंह की आँखें उस वक्त नम हो गईं जब उन्होंने बताया कि 8 साल का पोता बुआ की स्कूटी की आवाज सुनते ही “बुआ-बुआ” चिल्लाते हुए दौड़ पड़ता था।
“अब वह किसे बुआ कहेगा… सोनम उसे चॉकलेट दिलाती थी, घुमाने ले जाती थी।”
राजा के परिवार से भी मिल रहा सहयोग
राजा के पिता अशोक रघुवंशी ने सोनम के भाई गोविंद से कहा —
“अब हमारे चार बेटे हो गए हैं।”
यह वाक्य उस दर्द के बीच एक भावनात्मक सम्बल की तरह है।
CBI जांच की मांग, बेटी के लिए हर उम्मीद कायम
सोनम के पिता का कहना है कि उन्होंने शिलांग पुलिस पर से विश्वास खो दिया है।
अब वे चाहते हैं कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच CBI के जरिए कराई जाए ताकि बेटी को न्याय मिल सके और सच सामने आए।
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