24 News Update सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। नगर के आसपुर मार्ग लोहारिया तालाब के सामने स्थित कान्हडदास धाम बड़ा रामद्वारा में चातुर्मास में शाहपुरा धाम के रामस्नेही संत तिलकराम के सानिध्य में शारदीय नवरात्रि पर अखंड राम- जप कार्यक्रम आयोजित हो रहा है जिसमें गुरूवार को संत ने बताया कि नवरात्र ईश्वर के तीन आयामों- मां दुर्गा, मां लक्ष्मी ,और मां सरस्वती से जुडऩे का अवसर है तीन देवियों को तीन गुणों (त्रिगुण) का प्रतीक माना गया है । मां दुर्गा तमस का अर्थ स्थिरता, जड़ता और अंधकार जब शिशु मां के पेट में होता है तो वह अंधकार की स्थिति में होता है । बाहर से सब स्थिर लगता है लेकिन भीतर जीवन का नया अंकुरण जन्म लेता है । यही हमारी सुरक्षा करता है और अंततः हमें फिर से अपनी शांति में समेट लेता है । नवरात्र के पहले तीन दिन शक्ति की साधना के लिए है । यह साधना हमें जड़ो ,धरती और शक्ति के आधार से जोड़ती है मां लक्ष्मी – रजस का अर्थ है- सक्रियता ,ऊर्जा, कर्म और जुड़ाव लक्ष्मीजी संपन्नता, उत्साह और प्रगति की देवी है जो लोग जीवन में कार्यक्षमता उस्साह और समृद्धि चाहते हैं वे मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं । नवरात्र के मध्य के तीन दिन लक्ष्मी की साधना के लिए माने जाते हैं । मां लक्ष्मी उस शक्ति की प्रतीक है जो जीवन को जोश और उत्साह से भर देती है । मां सरस्वती सत्व गुण है- सत्व का अर्थ शुद्धता ,ज्ञान और आत्मबोध यह उच्च चेतना तक पहुंचाने का मार्ग है । नवरात्र के अंतिम तीन दिन मां सरस्वती की उपासना के लिए होते हैं यह साधना व्यक्ति को ज्ञान, विवेक और आत्मिक शांति की ओर ले जाती है । जो साधक मोक्ष और स्वयं को पहचानने की चाह रखते हैं वे सत्व-गुण यानी मां सरस्वती की शरण लेते हैं । संत ने कहा कि ज्ञान स्वरूप आत्मा कभी भी सांसारिक मोह माया के पीछे नहीं भागती । इसलिए दुर्गा दुर्गति नाशिनी भी कहा गया है । दुर्गा शक्ति की उत्पत्ति के पीछे भी बहुत से कारण है यद्यपि मुख्यतः जगत जननी मां जगदंबा द्वारा दुर्गम नामक असुर का नाश करने के कारण उसका नाम दुर्गा पड़ा । नारी के भीतर छुपे स्वाभिमान व सामर्थ्य का प्राकट्य ही दुर्गा है । प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा ने बताया कि संत प्रसाद कलावती सेवक परिवार का रहा। 26 सितम्बर शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगद्गुरु आचार्य श्री श्री 1008 स्वामीजी श्री रामदयाल महाराज के 69 वें अवतरण दिवस कार्यक्रम संत के सानिध्य में मनाया जाएगा व राम नाम -जप कार्यक्रम में प्रातः 7.00 से 12 बजे तक नारायण वनोत ,लक्ष्मण मोची ,शकुंतला, राजेश्वरी शर्मा, जयंतीलाल मोची ,सूर्या दर्जी ,गोपाल भावसार, रमेश दर्जी ,गीता दोसी, प्रेमलता पंचाल, अनिल वाडेल, सरिता वाडेल ,प्रेमलता शर्मा, अनीता सुथार रामस्नेही समेत अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
नवरात्र ईश्वर के तीन आयामों से जुड़ने का अवसर है- संत तिलकराम महाराज

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