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दुर्गा के नौ रूप के बारे में विस्तार से दी जानकारी : संत तिलकराम महाराज

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24 News Update सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। नगर के आसपुर मार्ग लोहारिया तालाब के सामने स्थित कान्हकान्हडदास धाम बड़ा रामद्वारा में चातुर्मास में शाहपुरा धाम के रामस्नेही संत तिलकराम के सानिध्य में शारदीय नवरात्रि पर अखंड राम- जप कार्यक्रम आयोजित हो रहा है ।
संत ने बताया कि मां दुर्गा के नौ रूप हमें यह सीखाते हैं कि जीवन में धैर्य, साहस, प्रेम ,करुणा और शक्ति का संतुलित बनाकर हम अपने लक्ष्यो को प्राप्त कर सकते हैं । हर नारी में एक दुर्गा ,एक काली और एक सरस्वती बसती है । जरूरत है अपने भीतर की शक्ति को पहचानने और आगे बढऩे की । नवरात्रि में अपने आत्मबल को जागृत करें । शास्त्रों में नारी को नारायणी का दर्जा दिया गया है । नारी नारायणी तभी बन सकती है जब उसमें उत्तम संस्कारों का सिंचन हो । उत्तम संस्कारों व उत्तम चरित्र निर्माण का सही समय युवावस्था है । युवावस्था में यदि युवतियां यह समझ ले की वे केवल भोग विलास कि तुच्छ वस्तु नहीं है, भोग्या नहीं योग्या है तो यकीन मानिए इनको नारायणी बनने में देर नहीं लगेगी । ज्ञान और दृढ़ता हाथों में तलवार ज्ञान का प्रतीक है और वज्र दृढ़ निश्चय और संकल्प का प्रतीक है । धैर्य और संतुलन उनके हाथों में कमल का फूल प्रतिकूल परिस्थितियों में भी धैर्य और शांति बनाए रखने का संदेश देता है । संकटों से मुक्ति मां अष्टभुजा भक्तों के कष्टों को हरती है और जीवन में सुख समृद्धि प्रदान करती है । नकारात्मकता पर सकारात्मकता की जीत को दर्शाती है । अष्टभुजा माता की भक्ति से जीवन में नवचेतना आती है, और असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं । नवरात्रि के दौरान मां अष्टभुजा की पूजा हमें इन गुणो को अपने भीतर समाहित करने और जीवन में एक अधिक शक्तिशाली ,जागरूक और धर्मनिष्ठ व्यक्ति बनने के लिए प्रेरित करती है । प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा ने बताया कि आज का संत प्रसाद बालकृष्ण भासरिया परिवार का रहा बुधवार को राम -जप मैं प्रातः 4 से 7 बजे तक रामस्नेही पुनीत वाडेल, प्रियंका वाडेल, नाजुक शाह ,विष्णु दोसी , प्रहलाद भावसार ,गुणवंत भावसार ,हेमंत सोमपुरा ,यशवंत शाह किया एवं अन्य रास्नेही भक्त उपस्थित रहे।

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