24 News Update लेह। लद्दाख के प्रख्यात पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में ले लिया। सरकार ने उन्हें दो दिन पहले लेह में भड़की हिंसा का जिम्मेदार माना है। हालांकि उनकी गिरफ्तारी किस मामले में हुई है, इसका आधिकारिक खुलासा अब तक नहीं हुआ है।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद लेह में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। क्षेत्र में लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू जारी है और स्कूल-कॉलेज शनिवार तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।
24 सितंबर को कैसे भड़की हिंसा
24 सितंबर को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन के दौरान हालात अचानक बिगड़ गए। सोशल मीडिया से भीड़ जुटाई गई। आंदोलनकारियों ने 23 सितंबर की रात लद्दाख बंद का आह्वान किया था और लोगों से लेह हिल काउंसिल पहुंचने की अपील की थी।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव हुआ। बैरिकेड्स हटाने की कोशिश में पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी, लेकिन भीड़ ने जवाबी कार्रवाई में तोड़फोड़ कर दी। हिंसा के दौरान बीजेपी का जिला कार्यालय जला दिया गया, वहीं CRPF की गाड़ी में भी आग लगा दी गई। इस झड़प में चार युवाओं की मौत हुई, जबकि 80 लोग घायल हुए, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। अब तक 60 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
वांगचुक की संस्थाओं पर शिकंजा
गिरफ्तारी से पहले ही सोनम वांगचुक की संस्थाओं पर कार्रवाई तेज हो चुकी थी— SECMOL का विदेशी फंडिंग लाइसेंस रद्द: गृह मंत्रालय ने स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का FCRA पंजीकरण रद्द कर दिया। आरोप है कि संस्था ने विदेशी फंड का दुरुपयोग किया। CBI जांच शुरू: वांगचुक की दूसरी संस्था हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) पर भी विदेशी चंदा कानून उल्लंघन के आरोप लगे हैं। सीबीआई ने इसके अकाउंट्स और रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है। जमीन का पट्टा रद्द: सरकार ने HIAL को दी गई जमीन की लीज भी रद्द कर दी है। राजद्रोह और पुराने केस दोबारा खुले: स्थानीय पुलिस ने वांगचुक पर राजद्रोह का केस दर्ज किया, साथ ही मजदूरों को वेतन न देने की चार साल पुरानी शिकायत भी खोली गई।
आयकर विभाग की नोटिस: टैक्स से संबंधित नोटिस भी भेजे गए हैं।
वांगचुक ने आरोप लगाया है कि “CBI को केवल 2022 से 2024 तक के खातों की जांच करनी थी, लेकिन अब वे 2020-21 के रिकॉर्ड और शिकायत से बाहर के स्कूलों तक से दस्तावेज मांग रहे हैं। यह दमन की रणनीति है।”
6 अक्टूबर को दिल्ली में बैठक
लद्दाख में लगातार उभर रहे असंतोष को देखते हुए 6 अक्टूबर को दिल्ली में आंदोलनकारियों और केंद्र सरकार के बीच बैठक प्रस्तावित है। वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A हटने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। उस समय सरकार ने वादा किया था कि हालात सामान्य होने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।
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