24 News Update नई दिल्ली | विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर भारतीय रेल ने देशभर में व्यापक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए अभियान चलाया। 22 मई से 5 जून तक चले इस पंद्रह दिवसीय विशेष अभियान में रेलवे के 1200 स्टेशनों और 740 से अधिक कार्यशालाओं में जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान लगभग 150 टन प्लास्टिक कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया गया। इस वर्ष की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें” के तहत रेलवे के सभी ज़ोन, मंडल, स्टेशन, कार्यालय और वर्कशॉप पर प्लास्टिक उन्मूलन और स्वच्छता से जुड़े विविध कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। पोस्टर, डिजिटल माध्यमों, और 230 नुक्कड़ नाटकों के जरिए आम जनता और यात्रियों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया गया।
रेलवे अधिकारियों ने ली पर्यावरण संरक्षण की शपथ
5 जून को रेलवे बोर्ड कार्यालय में पर्यावरण संरक्षण की सामूहिक शपथ दिलाई गई, जिसमें बोर्ड सदस्य, ज़ोनल रेलवे के महाप्रबंधक तथा अन्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। इस अवसर पर रेलवे की वार्षिक पर्यावरणीय सततता रिपोर्ट भी जारी की गई।
साफ-सफाई और नवाचारों की दिशा में ठोस कदम
इस अभियान के तहत:
1230 स्टेशनों पर जागरूकता पोस्टर लगाए गए
180+ प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीनों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई
100% एलईडी लाइटिंग और 227 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त किया गया
अब तक 98% ब्रॉड गेज मार्गों का विद्युतीकरण
वर्ष 2025-26 के लिए 750 करोड़ रुपए की हरित योजना स्वीकृत
वर्ष 2014 से अब तक 9.7 करोड़ पौधारोपण
सभी यात्री कोचों में 100% बायो-टॉयलेट्स की स्थापना
हरित भारत के संकल्प की ओर अग्रसर भारतीय रेल
भारतीय रेल ने अपनी पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया है। हाइड्रोजन ईंधन आधारित ट्रेनों के विकास से लेकर जल संरक्षण, ऊर्जा दक्षता और जैविक अपशिष्ट प्रबंधन तक, रेलवे हर पहलू में सतत विकास की दिशा में अग्रसर है। भारतीय रेल का यह अभियान यह दर्शाता है कि यदि राष्ट्रीय संस्थाएं अपनी भूमिका को गंभीरता से निभाएं, तो पर्यावरण संरक्षण एक जनांदोलन बन सकता है।
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