24न्यूज अपडेट, श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ में राजस्थान आबकारी विभाग के दो कर्मचारियों पर एक नाबालिग बालक के साथ लगातार तीन दिन तक कुकर्म करने का गंभीर आरोप सामने आया है। पीड़ित की शिकायत के बाद मंगलवार को भीड़ ने एक्साइज ऑफिस में घुसकर एक आरोपी की पिटाई कर दी, जबकि दूसरा मौके से फरार हो गया। यह घटना सोमवार रात करीब 8 बजे आबकारी निरोधक दल के कार्यालय परिसर में घटी। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
⚫ क्रिकेट खेलने जाता था नाबालिग, ऑफिस में बुलाकर करते रहे कुकर्म
एसएचओ ईश्वर जांगिड़ ने बताया कि पीड़ित नाबालिग रोजाना अपने दोस्तों के साथ प्राचीन गढ़ क्षेत्र में क्रिकेट खेलने जाता था। उसी इलाके में आबकारी विभाग का कार्यालय भी स्थित है।
इसी दौरान आबकारी निरोधक दल के सिपाही प्रताप सिंह और प्राइवेट ऑपरेटर देवीलाल ने तीन दिनों तक बालक को डरा-धमकाकर मारपीट की और उसके साथ बारी-बारी से कुकर्म किया।
सोमवार रात को भी जब उन्होंने उसके साथ ऐसा ही किया, तब पीड़ित दर्द में तड़पता हुआ रोते हुए अपने घर पहुंचा।
⚫ “3 दिन से शोषण कर रहे… बहुत दर्द हो रहा है”: रोते हुए बताया दर्दनाक सच
परिजनों के अनुसार, बालक बहुत डरा हुआ था और पहले कुछ बताने को तैयार नहीं था। लेकिन जब परिवार ने बार-बार पूछताछ की, तो उसने टूटी-फूटी जुबान में कहा —
“तीन दिन से शोषण कर रहे… बहुत दर्द हो रहा है।”
यह सुनते ही परिजन और पड़ोसी आक्रोशित हो गए और भारी संख्या में लोग आबकारी कार्यालय पहुंच गए।
⚫ भीड़ का गुस्सा फूटा, एक आरोपी की पिटाई, दूसरा मौके से फरार
जैसे ही लोगों की भीड़ कार्यालय पहुंची, वहां मौजूद आरोपी प्रताप सिंह को लोगों ने पकड़ लिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी। वहीं, दूसरा आरोपी देवीलाल मौके से फरार हो गया।
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और बड़ी मुश्किल से भीड़ से आरोपी को छुड़ाया।
⚫ पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की, आबकारी विभाग ने दिए जांच के आदेश
एसएचओ ईश्वर जांगिड़ ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। मेडिकल और अन्य जांचें की जा रही हैं। उधर, बीकानेर आबकारी जोन के एडिशनल कमिश्नर रियाजुद्दीन उस्मानी ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।
🔴 सवालों के घेरे में विभागीय निगरानी
इस शर्मनाक घटना ने एक बार फिर सरकारी विभागों में निगरानी तंत्र की विफलता को उजागर किया है। आबकारी कार्यालय जैसे सरकारी परिसर में यदि कोई नाबालिग तीन दिन तक यौन हिंसा का शिकार होता है और किसी को भनक तक नहीं लगती, तो यह न सिर्फ प्रशासनिक चूक है, बल्कि व्यवस्था की गंभीर असफलता भी है।
📢 जनता की मांग — सख्त कार्रवाई हो, आरोपियों को बर्खास्त किया जाए
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि —
- आरोपियों को तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाए
- तेजी से चार्जशीट दाखिल कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलाया जाए
- आबकारी कार्यालयों में सीसीटीवी निगरानी और बच्चों के प्रवेश पर सख्ती लागू हो

