24 News Update Udaipur. शहर के तेरापंथ भवन में चतुर्दशी पर मर्यादा पत्र (हाजरी) का वाँचन करते हुए ध्यान साधक शासन श्री मुनि सुरेश कुमार ने कहा मर्यादा व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन का अभेद्य सुरक्षा तंत्र हे । आचार्य भिक्षु ने बाढ़ आने से पहले पाल बांधने के तर्ज पर तेरापंथ में मर्यादा का निर्माण कर धर्मसंघ के भविष्य को निश्चिंतता सौंप दी यही कारण हे कि 260 सालों बाद भी तेरापन्थ अपनी नीति , नियम , मर्यादा , अनुशासन , और समर्पण के गौरव को जीवंत रखे हुए हे । एक आचार , एक विचार की पुनीत परम्परा को आचार्य भिक्षु से वर्तमान आचार्य महाश्रमण ने यथावत निर्वहन किया हे । मुनि ने कहा हे कि संत समाज के लिए बनी मर्यादाओं की तरह श्रावक समाज के लिए भी मर्यादाओं का निर्माण किया गया हे । आवश्यकता है कि हम उन मर्यादाओं का समान करे
इस अवसर पर मुनि सिद्धप्रज्ञ ने भी उद्बोधन दिया मुझमें तेरे रंग भिखू स्वाम समा रहे आचार्य भिक्षु मासिक पुण्य तिथि पर भक्ति संध्या तेरापंथ के आद्य प्रणेता आचार्य भिक्षु मासिक पुण्य स्मरण स्वरूप भिक्षु भक्ति संध्या का आयोजन तेरापंथ भवन नया बाजार में आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि श्री सुरेश कुमार के सानिध्य में भिक्षु भक्ति संध्या का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में मुनि संबोध कुमार ‘मेधांश’ ने मुझमें तेरे सारे रंग भिक्षु स्वाम समा रहे है, मुनि सिद्धप्रज्ञ ने मेरी जिंदगी के अरमान फल आयेंगे, भिक्षु आयेंगे , मुनि केवल्य कुमार ने चैत्य पुरुष जग जाए ‘ गीत का सुमधुर गान किया तो सभागार ॐ अर्हम गूंज से निनादित हो उठा । इस अवसर पर सुर संगम ग्रुप हिम्मत बाबेल , विनोद बोहरा , हस्तीमल डागा, बाबूलाल इन्टोदिया, सुनिल कोठारी ने ” भिक्षु स्वामी अंतर्यामी , तेरस रि है, रात , भिक्षु – भिक्षु म्हारी आत्मा पुकारे, मधुर गीत प्रस्तुत कर आराध्य के प्रति भावांजलि अर्पित की।
विनोद बड़ाला ने मन से पुकारू, वचन से पुकारू , सुशील बड़ाला ने तेरस को जन्मा था, तेरस को सोया था , गीत की प्रस्तुति दी।
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