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राज्यपाल कटारिया को ‘‘संस्कृति रत्न’’ अलंकरण से नवाजा,संस्कार, संस्कृति और राष्ट्र निर्माण में पं. जनार्दन राय नागर का योगदान अविस्मरणीय : कटारिया

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24 News Udpate उदयपुर। राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय) की ओर से सोमवार को प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में आयोजित भव्य समारोह में पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक महामहिम गुलाबचंद कटारिया को मनीषी पंडित जनार्दन राय नागर संस्कृति रत्न अलंकरण समर्पण से सम्मानित किया गया। यह अलंकरण महामहिम को भारतीय जीवन मूल्यों, सांस्कृतिक और नैतिक दृढ़ता, शिक्षा व समाजसेवा में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप महामहिम को अशोक स्तंभ, भारत माता स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपये की नकद राशि भेंट की गई, जिसे कटारिया ने पुनः विद्यापीठ के विकास के लिए समर्पित कर दिया।

समारोह का शुभारंभ व वक्तव्य
समारोह का शुभारंभ महामहिम गुलाबचंद कटारिया, विद्यापीठ कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर, कुलपति कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत तथा महावीर कोटा ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलन कर किया। अपने संबोधन में महामहिम कटारिया ने कहा कि पंडित जनार्दन राय नागर कोई सामान्य व्यक्ति नहीं थे, वे शिक्षा जगत में क्रांतिकारी विचारधारा के वाहक थे। उन्होंने शिक्षा को सेवा का माध्यम बनाकर समाज के अंतिम पंक्ति तक ज्ञान का उजियारा पहुँचाया। कटारिया ने कहा कि किसी असहाय की सहायता करना और अशिक्षित को शिक्षा देना ही सच्ची मानवसेवा है। उन्होंने कहा कि संस्कार युक्त व्यक्तित्व निर्माण और साक्षर पीढ़ी को स्वरूप देकर अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य जनुभाई ने जीवन पर्यंत किया। राष्ट्र भावना और असहाय की सहायता कर उनके विचारों को जीवंत बनाए रखना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। कटारिया ने कहा कि वे स्वयं इस विद्यापीठ से शिक्षक, कार्यकर्ता और विद्यार्थी के रूप में जुड़े रहे हैं और यह सम्मान उनके लिए व्यक्तिगत रूप से अत्यंत भावनात्मक है।

प्रशस्ति पत्र वाचन और वक्ताओं के संबोधन
कुलपति कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने प्रशस्ति पत्र वाचन में कहा कि संस्कृति और संस्कार ही जीवन के शाश्वत मूल्य हैं। हमारी संस्कृति में भौतिक और आध्यात्मिक का सुंदर समावेश है। पंडित जनार्दन राय नागर का दर्शन सामाजिकता व संस्कृति का समावेश है, जो नारी सशक्तिकरण, वंचितों को आगे लाने और शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने का जीवंत उदाहरण है। प्रो. कैलाश सोडाणी ने कहा कि महामहिम गुलाबचंद कटारिया जैसे व्यक्तित्व का सम्मान हम सभी के लिए गौरव का विषय है। वे लंबे समय से शिक्षाविद, समाजसेवी और राजनीतिज्ञ के रूप में समाज को दिशा दे रहे हैं।
कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर ने कहा कि राजस्थान का सौभाग्य है कि गुलाबचंद कटारिया जैसे व्यक्तित्व को संस्कृति रत्न अलंकरण प्रदान कर विद्यापीठ ने अपनी परंपरा और मूल्यों को गौरवान्वित किया है।

उपस्थित गणमान्यजन
इस अवसर पर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली, भाजपा नेता एवं समाजसेवी अतुल चण्डालिया, प्रो. रेणु राठौड़, प्रो. सरोज गर्ग, प्रो. जीवन सिंह खरकवाल, डॉ. कला मुणेत, डॉ. पारस जैन, डॉ. युवराज सिंह राठौड़, प्रो. आई.जे. माथुर, डॉ. हेमेन्द्र चौधरी, डॉ. धमेन्द्र राजौरा, डॉ. शैलेन्द्र मेहता, प्रो. गजेन्द्र माथुर, प्रो. मंजु मांडोत, डॉ. सपना श्रीमाली, डॉ. अमी राठौड़ सहित विद्यापीठ के डीन, डायरेक्टर, प्राध्यापकगण व शहर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. इंदु बाला आचार्य ने किया।

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