कल शनिवार को होगा विश्व शांति महायज्ञ एवं पूर्णाहुति
24 News Update खेरवाड़ा, कस्बे के महावीर कॉलोनी जिनालय में प्रवासरत विदुषी आर्यिका सुप्रज्ञमती माताजी ससंघ के सानिध्य में चल रहे पांच दिवसीय समवसरण विधान के चौथे दिन इन्द्र इंद्राणीयों द्वारा 180 अर्घ्य समर्पित किए गए। विधानाचार्य गजेन्द्र पटवा ने बताया कि सुबह भगवान का अभिषेक, शांति धारा की गई। पंचामृत अभिषेक एवं शांति धारा का लाभ महेंद्र शोभना जैन परिवार ने प्राप्त किया। नित्य नियम पूजन और विधान की पूजाएं पढ़ी गई। विधान के सौधर्म इंद्र , कुबेर इंद्र , ईशान इंद्र , महायज्ञ नायक , ध्वजारोहण कर्ता, प्रति इन्द्र परिवार तथा अन्य श्रावक श्राविकाओं द्वारा पूजा अर्चना करते हुए नाचते गाते विधान पर अर्घ्य समर्पित किए गए। गंध कुटी पूजा, तीर्थंकर गुण पूजा के साथ अठारह दोष रहित के अर्घ्य, चौबीस यक्षों के अर्घ्य, चौबीस यक्षिणी के अर्घ्य समर्पित किए गए।
विदुषी आर्यिका के प्रवचन के बाद पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट का लाभ विधान के सौधर्म इंद्र महेंद्र कुमार जैन परिवार ने प्राप्त किया। प्रवचन में आर्यिका ने अपने मुखारविंद से समवसरण विधान की पूजा के बारे में समझाया। यह बताया कि प्रभु पूर्ण रूप से निर्मल होते हैं, भगवान का रूप अतिशय सुंदर एवं अनुपम है। भगवान की वाणी दिन में तीन बार खिरती है, चार कोस तक भव्य जीव वाणी को सुन सकते हैं । जो अंतरात्मा एवं बहिरात्मा को जानता है वो जीव कभी दुःखी नहीं होता है। भगवान मौन रहते हैं पर उपदेश गुरु ही देते हैं। भगवान का मुख पूर्व और उत्तर दिशा में होता है फिर भी सभा में सबको अपनी तरफ दिखते हैं क्योंकि यह चतुर्मुख नाम का अतिशय है। विधानाचार्य पटवा ने बताया कि पांच दिवसीय विधान के अंतिम दिन आज शनिवार को विश्व शांति महायज्ञ एवं पूर्णाहुति की जाएगी।
इससे पूर्व गुरुवार की शाम को शांतिनाथ जिनालय में श्रीजी एवं समवसरण विधान की आरती की गई उसके पश्चात गुरु मां की आरती व प्रश्न मंच कार्यक्रम आयोजित किया गया, सही उत्तर देने वाले प्रतिभागियों को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर पुरुस्कृत किया गया तत्पश्चात विधानाचार्य द्वारा सभागार में शास्त्र वाचन किया गया। विधान एवं सायंकालीन कार्यक्रम में चैत्यालय समिति अध्यक्ष रोशन लाल नागदा एवं मंत्री भूपेंद्र भगोरिया,हुमड समाज अध्यक्ष वीरेंद्र वखारिया, चातुर्मास कमेटी अध्यक्ष नरेंद्र पंचोली एवं मंत्री कुलदीप जैन, डॉ रमण लाल जैन, दिनेश जैन, रतन लाल चंदावत, परेश पंचोली, दीक्षित भगोरिया, विपिन वखारिया , रमेश गांधी, कन्हैया लाल जैन, जयंती भगोरिया, जुगल सहित सकल दिगम्बर जैन समाज के सैकड़ों धर्मावलंबी उपस्थित रहे।

